मानसून के आते ही जून में डीजल बिक्री घटी, बासमती का रकबा 20 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य तय

मानसून के आते ही जून में डीजल बिक्री घटी

नई दिल्ली
 मानसून के आते ही कृषि क्षेत्र में मांग घटने और वाहनों की आवाजाही कम होने से जून में डीजल की बिक्री घटी है। जून में डीजल की खपत सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत घटकर 71 लाख टन रही। गौरतलब है कि देश में डीजल सर्वाधिक खपत वाला ईंधन है और कुल मांग में इसकी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

इससे पहले अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमश: 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ गई थी, क्योंकि इस दौरान कृषि मांग बढ़ गई थी और गर्मी से बचने के लिए कारों में एयर कंडीशनिंग का सहारा लिया। मासिक आधार पर डीजल की खपत लगभग स्थिर रही। मई में डीजल की बिक्री 70.9 लाख टन थी। जून में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 3.4 प्रतिशत बढ़कर 29 लाख टन हो गई। आंकड़ों के मुताबिक मासिक आधार पर इसकी बिक्री स्थिर रही। जून में विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 587,300 टन हो गई।

गुवाहाटी हवाईअड्डे पर जून में यात्रियों की आवाजाही 15 प्रतिशत बढ़ी

गुवाहाटी
 गुवाहाटी स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरडोलोई अंतरराष्ट्रीय (एलजीबीआई) हवाईअड्डे पर जून में आवाजाही सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर लगभग पांच लाख यात्री हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह हवाईअड्डा अडाणी समूह के नियंत्रण में है।

हवाईअड्डा प्रशासन की एक अधिकारी ने कहा कि एलजीबीआई हवाईअड्डे पर जून, 2023 में रिकॉर्ड लगभग पांच लाख यात्रियों की आवाजाही हुई, जो पिछले साल जून के आंकड़ों के मुकाबले तेज वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “इनमें से 2.95 लाख यात्रियों ने प्रस्थान किया था जबकि शेष हवाई यात्रा करके यहां पहुंचे थे।”

अधिकारी ने बताया कि हवाईअड्डे पर जून में लगभग 4,000 उड़ानों का आगमन-प्रस्थान हुआ, जो जून, 2022 के आंकड़े से ज्यादा है। पूर्वोत्तर के सबसे बड़े हवाईअड्डे पर इस साल मई में भी लगभग पांच लाख यात्री पहुंचे। यह बताता है कि कोविड-19 महामारी के बाद हवाई परिवहन में तेजी से सुधार हो रहा है।

उन्होंने कहा, “एलजीबीआई हवाईअड्डा 32 घरेलू और दो अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के साथ पूर्वोत्तर भारत के प्रवेश-द्वार के तौर पर जाना जाता है।” प्रवक्ता ने बताया कि गुवाहाटी से शीर्ष चार गंतव्य दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय गंतव्य सिंगापुर और पारो (भूटान) हैं।

पंजाब सरकार ने बासमती का रकबा 20 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य तय किया

चंडीगढ़
 पंजाब का कृषि विभाग मौजूदा बुवाई सत्र में बासमती फसल का रकबा लगभग 20 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बना रहा है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बासमती की खेती इसी महीने शुरू होने वाली है।

कृषि विभाग ने इसकी खेती के लिए छह लाख हैक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले साल के 4.94 लाख हैक्टेयर से करीब 20 प्रतिशत ज्यादा है। राज्य सरकार ने बासमती फसल के लिए समर्थन मूल्य 2,600 रुपये से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की योजना बनाई है।

बासमती चावल की फसल को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने ‘किसान मित्र’ योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को इसे बोने के लिए तकनीकी परामर्श दिया जाएगा। बासमती फसल का रकबा 2021-22 में 4.85 लाख हेक्टेयर और 2020-21 में 4.06 लाख हेक्टेयर था। पंजाब में हर साल बासमती सहित लगभग 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान उगाया जाता है।