21 जून साल का सबसे लंबा दिन, 12 की बजाए होंगे 14 घंटे…खुद की परछाई भी नहीं आती नजर

 नई दिल्ली

 भारत सहित दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस का त्यौहार मनाया जाता है और सभी इसमें बढ़ चढ़कर शिरकत करते हैं। 21 जून के दिन की एक खासियत है कि यह वर्ष के 365 दिन में सबसे लंबा दिन होता है और योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है और इस दिन एक पल ऐसा भी आता है जब परछाई तक साथ छोड़ जाती है। जी हां साल के 365 दिनों में 21 जून इतना लंबा और बड़ा होता है कि समय जल्दी नहीं कटता और रात छोटी होती है। इस दिन को ग्रीष्म अयनांत भी कहते हैं।

 इसलिए बड़ा दिन होता है 21 जून को
बाकि दिनों में पृथ्वी की प्रक्रिया सामान्य होती है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने के साथ अपने अक्ष पर भी घूमती है। वह अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन रात की अवधि में अंतर आता है। 21 जून को सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से चलकर भारत के मध्य से गुजरी कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं। दोपहर के समय सूरज काफी ऊंचाई पर आ जाता है इसलिए आज का दिन लंबा होता है। 21 सितंबर के आसपास दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है जिसके बाद रातें बड़ी होने लगती हैं और दिन छोटे। दिन-रात की अवधि का यह चक्र 23 दिसंबर तक जारी रहता है। जिस वजह से 23 दिसंबर की रात सबसे लंबी और दिन छोटा होता है।
 
परछाई हो जाती है गायब
सूर्य जब कर्क रेखा के ऊपर होता है तो एक पल ऐसा भी आता है जब परछाई भी साथ छोड़ जाती है। इस दिन सूर्य की किरणें करीब 15 से 16 घंटे तक पृथ्वी पर पड़ती हैं। इस दिन दक्षिणी गोलार्द्ध में ठीक इसका उलटा होता है। जहां उत्तरी गोलार्द्ध में रह रहे लोगों के लिए 21 जून को गर्मी की शुरुआत कहा जाता है, वहीं दक्षिणी गोलार्द्ध में रह रहे लोगो के लिए ये सर्दी की शुरुआत मानी जाती है।  हालांकि ऐसा नहीं है कि 21 जून को ही सबसे बड़ा दिन हो। यह 20 या 22 जून को भी हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक साल 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन आया था और अब 2203 में ऐसा होगा जब 21 को नहीं 22 जून को सबसे लंबा दिन होगा।