बालोद। बालोद जिले के ब्लॉक गुंडरदेही के ग्राम पंचायत चंदन बिरही में वर्ष 1926 से होली नहीं मनाई जातीबल्कि होली की जगह पूरे 1 सप्ताह राम नाम सप्ताह का आयोजन किया जाता है गुंडरदेही ब्लॉक से 7 किलोमीटर पर स्थित ग्राम चंदन बिरही में लगभग 95 वर्षों से इस गांव में होलिका दहन, रंग गुलाल एवं नगाड़े की थाप क्यों पकवान बनाने पर अंकुश लगा है। ग्राम वासियों के अनुसार वर्ष 1926 के पूर्व में नवजात शिशु एवं आम लोगों की फागुन माह के लगते ही अकाल मृत्यु हो रही थी साथ ही चिकन पॉक्स (चेचक) माता का प्रकोप भी बढ़ गया था। जिसे तत्कालीन राजा स्वर्गीय निहाल सिंह राय के द्वारा ग्राम चंदनबिरही में होलिका जलाने, होली खेलने एवं पकवान बनाने पर बंदिश लगाई गई। राजा निहाल सिंह राय कई विशेष क्षेत्रो मे पारंगत थे वे 52 गावो मे राज करते थे राजा निहाल सिंह का मानना था कि यह सब देवी का प्रकोप से हो रहा है तब राजा निहाल सिंह ने ग्राम चन्दनबिरही मे होली रंग गुलाल नगाड़ा पर अंकुश लगाते हुए राम नाम सप्ताह का आयोजन किया जिसमें होलिका दहन के 3 दिन पूर्व से होलिका दहन के 3 दिन बाद तक ग्राम चंदन भी ही में 24 घंटे अखंड राम नाम का जाप का आयोजन किया और अंत में हवन कलश यात्रा एवं दही लूट का आयोजन 1926 में किया गया और बगदेहीन दाई की स्थापना करते हुवे माता से चंदनबिरही के आम लोगो के उज्ज्वल भविष्य के लिए अर्जी विनती की ग्राम चंदन बिरही मे तब से चंदन बिरही में अकाल मृत्यु चेचक (माता) का प्रकोप कम हुआ तब से अनवरत ग्राम चंदन बिरही में राम नाम सप्ताह रामसत्ता का आयोजन किया जाता है।