अफगानिस्तान में लड़कियों को दिया जा रहा जहर ? अबतक 10 हजार से ज्यादा हुईं शिकार

काबुल
अफगानिस्तान में एक बार फिर बड़ी संख्या में लड़कियों को टार्गेट किया गया है. उत्तरी अफगानिस्तान में कम से कम 80 लड़कियों को पॉइजन दे दिया गया. बाद में उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. घटना शनिवार और रविवार की है, जब लड़कियां स्कूल में थीं. तालिबानी कब्जे के बाद यह इस तरह की पहली घटना है, लेकिन पहले भी बड़ी संख्या में लड़कियों पर इस तरह के हमले हुए हैं. 10 हजार से ज्यादा अफगान लड़कियां इस तरह के हमले का शिकार हुई हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया पॉइजन हमले को किसी शख्स ने दुश्मनी से अंजाम दिया. हालांकि, इस बारे में और भी कोई जानकारी नहीं दी गई है. घटना सर-ए-पुल प्रांत के संगचरक जिले की है. लड़कियों का स्कूल जाना बैन है. उन्हें सिर्फ पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की इजाजत है. इसके बाद हायर एजुकेशन पर प्रतिबंध लगा है. महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर भी रोक लगाया गया है.

पहली-छठी क्लास की लड़कियां टार्गेट

प्रांतीय एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड मोहम्मद रहमानी ने बताया कि 60 लड़कियां नसवान-ए-काबोद और 17 अन्य लड़कियां नसवान-ए-फैजाबाद स्कूल में पॉइजन हमले का शिकार हुईं. इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच चल रही है. किसी तीसरे शख्स ने आपसी दुश्मनी से इस हमले को अंजाम दिया है. उन्होंने पॉइजन के बारे में और भी जानकारी नहीं दी. लड़कियों की उम्र बिना बताए रहमानी ने कहा कि वे पहली से छठी क्लास की स्टूडेंट्स थीं.

10,000 से ज्यादा लड़कियां पॉइजन हमले की शिकार

अफगानिस्तान में लड़कियों को पॉइजन देने का मामला नया नहीं है. टोलो न्यूज की मानें तो 2016 में काबुल में 200 लड़कियों को पॉइजन दिया गया था. तब काबुल के सात जिलों के स्कूल में इस तरह के हमले सामने आए थे. 8-22 साल की लड़कियों को तब टार्गेट किया गया था. इससे पहले कपिसा में 120, गजनी और काबुल में 180 से ज्यादा लड़कियां पॉइजन हमले का शिकार हुईं. इनके अलावा खोस्त, बामियान, तखर और सर-ए-पुल प्रांत में 10,100 लड़कियां टार्गेट की गई थीं.

ईरान में भी लड़कियों पर पॉइजन हमले

अफगानिस्तान का पड़ोसी ईरान भी इस तरह के हमले से अछूता नहीं है. हिजाब के खिलाफ विरोध के बाद ऐसी कई खबरें सामने आई जिसमें स्कूली लड़कियों पर पॉइजन हमले किए गए. पिछले साल अलग-अलग प्रांतों से कम से कम 1000 लड़कियों ने इस तरह की शिकायतें की. हालांकि, इन हमलों के किसने अंजाम दिया और कैसे अंजाम दिया… इसका खुलासा नहीं हो सका.