वाराणसी
31 साल पहले वाराणसी के चेतगंज में हुई कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या के मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया गया है. 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस की चार्जशीट, लंबी जिरह, और गवाही के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.
मुख्तार अंसारी ने इस केस से बचने के लिए कोर्ट से केस डायरी ही गायब करवा दी थी. अवधेश राय के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में वाराणसी के चेतगंज थाने में क्राइम संख्या 229/ 91 पर मुख्तार अंसारी के साथ पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश श्रीवास्तव उर्फ राकेश न्यायिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी.
हत्या का मामला होने की वजह से इसमें गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जून 2022 में पता चला कि, इस हत्याकांड की ‘मूल-केस डायरी’ ही गायब है. इसे लेकर मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. वहीं मामले में 22 मई को मुख्तार अंसारी के वकील ने बहस पूरी की थी, जिसके बाद कोर्ट से फैसला सुनाने के लिए 5 जून की तारीख निर्धारित की गई थी.
सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने पर अदालत ने उक्त मुकदमे में फैसले के लिए पांच जून की तिथि मुकर्रर की थी। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में लंबित मुकदमे में पिछली सुनवाई पर मुख्य आरोपित पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने 41 पृष्ठ में अपनी लिखित बहस अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था।
बचाव पक्ष ने अपनी लिखित बहस में वादी मुकदमा, एक अन्य गवाह व विवेचक द्वारा घटना का समय बताने को लेकर अभियोजन के दावे पर प्रश्न खड़ा किया था। वहीं बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपने वकील के जरिए अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
19 मई को जेल में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज तलब करने का अदालत से आग्रह किया है। अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि जेल अब मेरे लिए सुरक्षित नहीं है। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।
वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय तीन अगस्त 1991 को अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे. इसी दौरान वैन से आए बदमाशों ने उनको निशाना बनाते हुए अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें अवधेश राय की मौत हो गई. इस घटना से पूरा पूर्वांचल दहल उठा था. यूपी की सियासत में हाई प्रोफाइल शख्सियत की हत्या लेकर काफी हलचल देखने को मिली थी.
मामले में अवधेश राय के भाई और वर्तमान में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया. साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक का भी नाम एफआईआर में शामिल किया गया. इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है.
अहम बात है कि इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की सुनवाई पहले वाराणसी की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी. लेकिन, 23 नवंबर 2007 को सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया. इसे लेकर एक आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली. इस वजह से काफी समय तक सुनवाई प्रभावित रही.
बाद में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट के गठन होने पर प्रयागराज में सुनवाई शुरू हुई. वहीं वाराणसी में एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर सिर्फ मुख्तार अंसारी के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई. जबकि, राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी वहीं पर लंबित है.
भाई अजय राय ने कही ये बात
कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि इस मामले में ऐसा फैसला आना चाहिए, जो मिसाल बने. हमने न्याय की लड़ाई के लिए लंबा संघर्ष किया है. कोर्ट में गवाही देने के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किए. केस डायरी तक गायब करवा दी गई. हर स्तर पर हमने लड़ाई लड़ी. अब उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट मुख्तार अंसारी को कड़ी सजा सुनाएगी