प्रदेश में पंचायत कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी की राशि का उपयोग करने के नए नियम जारी किए

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने जनपद और ग्राम पंचायतों के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन-भत्ते और मानदेय का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी की राशि का उपयोग करने के नए नियम जारी किए हैं। यह कदम पंचायत राज संस्थाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। यह नियम 20 जनवरी से अमल होना शुरू हो जाएगा। मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 75 के तहत स्टाम्प ड्यूटी पर एक प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है। इस राशि का उपयोग पंचायती राज संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन-भत्तों और मानदेय का भुगतान करने के लिए किया जाएगा। यह कदम पंचायत संस्थाओं को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से उठाया है, जिससे पंचायतों के कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट न आ सके।

राशि का उपयोग कैसे किया जाएगा?
नए नियमों के तहत अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी से प्राप्त राशि का प्रमुख उपयोग जनपद पंचायत के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा जनपद पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय का भी भुगतान इसी राशि से किया जाएगा। ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों, सचिवों और पदाधिकारियों के मानदेय और वेतन का भुगतान भी इसी राशि से होगा।

बचत राशि का होगा उपयोग
अतिरिक्त राशि बचती है, तो उसे जनपद और ग्राम पंचायतों के अवसंरचना कार्यों में खर्च किया जाएगा। यह राशि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनसंख्या के आधार पर पंचायतों को अंतरित की जाएगी, जिससे पंचायतों को बेहतर वित्तीय सहायता मिल सकेगी।

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