पेपर कप से महिलाओं ने बनाई नई पहचान

रायपुर। महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में महिलाएं अब पेपर कप का भी निर्माण कर रही हैं। पेपर कप का इस्तेमाल शहरों में काफी संख्या में होता है। इसके मद्देनजर महिला समूहों ने इसका काम शुरू किया। महिलाओं का यह काम चल निकला। इससे महिलाओं को नियमित रूप से रोजगार मिल रहा है।

दंतेवाड़ा जिले के रीपा में पेपर कप बनाने वाली महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि अब यह कार्य जिले की पहचान बन चुकी है। कुआकोंडा विकासखंड के ग्राम मैलावाड़ा के रीपा में ‘‘गंगनादई समूह‘‘ द्वारा अब तक 90 हजार से ज्यादा नग पेपर कप बनाया और इनमें से 51,500 कप की बिक्री हो चुकी है। रीपा में औसतन हर दिन 14 से 15 हजार पेपर कप का उत्पादन हो रहा है, जिसकी बिक्री 60 रूपए प्रति पैकेट की दर से दुकानों और होटलों में की जाती है। समूह के प्रति सदस्य को 400 रूपए की आय हो रही है। इसी प्रकार समूह के सदस्य 6 से 9 हजार रूपए तक प्रतिमाह की आमदनी कमा रहे हैं।  

गौरतलब है कि राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बनाए गए गौठानों में रीपा के जरिए तेजी से रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो रहा है। रीपा से जुड़कर महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ उनमें स्वावलंबन की राह मिल रही है।

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