मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल में 5 G की जंग, 2.5 लाख करोड़ का है मुकाबला

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने पूरे टेलिकॉम सेक्टर की तस्वीर बदल कर रख दी। क्या एयरटेल क्या वोडोफोन जियो सबको पछाड़ते हुए नंबर वन कंपनी बन चुकी है। टेलिकॉम में मुकेश अंबानी की रिलायंस अब 5जी को लेकर अपना प्लान बना चुकी है और इसे पूरे देश में लागू भी करते जा रही है। तो वहीं एयरटेल के मुखिया सुनील भारती मित्तल भी अंबानी को टक्कर देने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। एयरटेल भी देश के 500 से ज्यादा शहरों में 5जी सेवा शुरु कर चुकी है।
अब मामला है 5जी स्पेक्ट्रम के दूसरे दौर की नीलामी का। डिपॉर्टमेंट ऑफ टेलिकॉम यानी डीओटी ने दूसरे दौर के लिए 2.5 लाख करोड़ का बेस प्राइस रख है। इस दौर की नीलामी जीतने के लिए अंबानी और मित्तल दोनों पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। दरअसल 5जी की इस जंग में वोडाफोन पहले ही पिछड़ चुकी है। वजह है कंपनी पर भारी भरकम कर्ज। तो अब ये लड़ाई एयरटेल और जियो के बीच और भी दिलचस्प होने वाली है। डिपॉर्टमेंट ऑफ टेलिकॉम के मुताबिक दूसरे दौर की नीलामी साल 2024 के जनवरी-फरवरी में शुरु हो जाएगी।
5जी स्पैक्ट्रम के दूसरे दौर की नीलामी कई मायनों में अहम होने वाली है। दरअसल इसका दायरा काफी बड़ा है। इसमें पूरे 2.5 लाख करोड़ रुपए की बीडिंग होने वाली है। इस नीलामी में 11 बैंड्स में करीब 600 मेगाहर्ट्ज के लिए बोली लगने वाली है। वहीं ये मामला इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का कुछ सर्किल में परमिट खत्म होने वाला है। जिसमें पंश्चिम बंगाल, असम, बिहार और उड़ीसा जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। क्या है एयरटेल का प्लान
एयरटेल के मुखिया सुनील भारती मित्तल ने इकोनॉमिक्स टाइम्स से कहा था कि हालांकि अभी उन्हें और ज्यादा स्पैक्ट्रम की फिलहाल जरुरत नही है। लेकिन जिन सर्कल में परमिट एक्सपायर होने वाला है वहां स्पैक्ट्रम की जरुरत होगी। मतलब साफ है कि एयरटेल को असम, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्पैक्ट्रम की जरुरत पड़ेगी। अब इस लड़ाई में कौन जीतेगा ये कहना फिलहाल तो मुश्किल है। मुकेश अंबानी को अपने विजन के लिए जाना जाता है तो वहीं एयरटेल भी 5जी को लेकर काफी अक्रामक है। लिहाजा जंग कोई भी जीते ग्राहकों को फायदा मिलना तो तय है।

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