ऊंचाई से गिरे फोरमैन ने तोड़ा दम, मरच्यूरी के बाहर धरने पर बैठे परिवार जन

बिलासपुर। उद्योगों में सुरक्षा मापदंडों को दरकिनार करने का खामियाजा वहां कार्यरत कर्मचारियों को अपनी जान अथवा जीवनभर की अपंगता ओढ़कर भुगतना पड़ता। ऐसा ही एक हादसा शुक्रवार को हुआ जिसमें कार्य के दौरान उपस्थित फोरमैन ऊंचाई से नीचे गिर गया और अस्पताल पहुंचते तक उसने दम तोड दिया। इस घटना के बाद फोरमैन की पत्नी अपने दो बच्चों को लेकर मुआवजे तथा नौकरी की मांग को लेकर मरच्यूरी के बाहर धरने पर बैठ गई।
प्राप्त समाचारों के अनुसार यह हादसा शुक्रवार का घुट्कु स्थित फील कोल कंपनी का है ।जहां एक सप्ताह पूर्व ही अपनी नौकरी की शुरूआत फोरमैन से करने वाला छोटी कोनी निवासी 42 वर्षीय शत्रुघ्न चौबे को सुरक्षा खामियों के चलते इस हादसे में अपनी जान गंवानी पड़ी । औद्योगिक दुर्घटना में श्रमिक की मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है। परिजन सिम्स मरचुरी में धरने पर बैठ गए, जिनके द्वारा कंपनी के मालिक को मौके पर बुलाया जा रहा है। परिजन 25 लाख रुपये मुआवजा और प्रतिमाह वेतन देने की मांग पर अड़े हुए हैं। मांग पूरी ना होने पर उन्होंने शव ले जाने से ही मना कर दिया है।
छोटी कोनी निवासी 42 वर्षीय शत्रुघ्न चौबे ने घुट्कु स्थित फील कोल में एक सप्ताह पहले ही बतौर फोरमैन जॉइनिंग दी थी। बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को वे 60 फुट की ऊंचाई पर केवल चेक कर रहे थे। किसी तरह का सुरक्षित उपकरण ना होने से वे ऊंचाई से गिर पड़े। तुरंत उन्हें प्लांट की गाड़ी से ही बिलासपुर स्थित श्री राम केयर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सिम्स रेफर कर दिया गया। सिम्स में पहुंचने पर शत्रुघ्न चौबे को मृत घोषित किया गया।
शत्रुघ्न चौबे के 14 और 12 साल के 2 पुत्र हैं। परिजनों का आरोप है कि इस दुर्घटना के बाद भी कंपनी का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही किसी तरह के मुआवजे का कोई भरोसा दिलाया गया । जिसके बाद धरने पर बैठे परिजनों ने बिना मुआवजा शव ले जाने से ही मना कर दिया। बताया जा रहा है कि फील कोल उद्योगपति प्रवीण झा की कंपनी है, जिसमें सुरक्षा उपकरण इस्तेमाल ना करने से श्रमिक की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई।

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