जल ही जीवन है: जल जीवन मिशन के तहत जिले के 12 गांवों के 1400 से अधिक घरों में मिलने लगा साफ पेयजल

 

नदी-नाला से पानी लाने से मिला छुटकारा

कोरिया

केंद्र सरकार व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन व हर घर जल के तहत जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता आकाश पोद्दार ने जानकारी दी है कि जिले के सुरमी, डकईपारा, खैरी, सोरगा, दुर्गापारा, जगदीशपुर, विक्रमपुर, कांटों, ओड़गी, हर्रीडीह, अमहर और खोड़री गांवों के एक हजार 469 घरों में साफ पेयजल मिलने लगा है।

अब नदी-नाले से नही लाती पानी
उमझर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम दुर्गापारा निवासी श्रीमती मंगली बाई, श्रीमती लीलावती, श्रीमती सोन कुंवर, श्रीमती बुधनी बाई व श्रीमती नीता पण्डो कहती है कि गांव में नल व पानी की सुविधा नहीं होने की वजह से कतकहिया नाला, केतकी झरिया से पानी लाकर जीवन बसर करती थीं। इस गांव में पण्डो जनजातीय की संख्या अधिक हैं। गांव वालों ने बताया कि नल नहीं होने के कारण उन्हें घर से करीब डेढ़-दो किलोमीटर पगडण्डी व उबड़खाबड़ रास्ते और जंगल के बीच गुजर कर पानी लाने लिए जाते थे जो जीवन का एक हिस्सा बन चुका था। सरपंच श्रीमती शान्ति बाई व पूर्व सरपंच श्री गम्भीर सिंह ने बताया कि ’’इस गांव में पेयजल सुविधा के लिए लगातार अधिकारियों से सम्पर्क किया, इसी कारण यहां पेयजल मुहैया हो पाया है। कुछ घरों में पानी की धार कम आने की शिकायत मिली है, उसे भी जल्दी दूर कर लिया जाएगा’’।

गंदे पानी से मिली मुक्ति
डकईपारा निवासी श्रीमती झुरकुंवर, श्रीमती लक्ष्मनिया और श्रीमती सुमित्रा पैकरा ने बताया कि घर में अब नल लग जाने से पानी की किल्लत दूर हुई है। इसी तरह खैरी निवासी श्री शिवप्रसाद सिंह ने बताया कि नल नहीं लगने पर उन्हें दूर से पानी लाना पड़ता था लेकिन अब घर में ही साफ पेयजल मिलने से उन्हे राहत मिल गया है। इन ग्रामवासियों ने बताया कि पहले पीने की पानी को लेकर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। बरसात में गंदे पानी तो गर्मी के दिनों में पानी के लिए दूर-दूर से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को राज्य सरकार बेहद प्राथमिकता से क्रियान्वयन करने में लगी है, जिसके कारण घर में ही नल कनेक्शन लगने से पानी की समस्या दूर हुई वहीं समय की बचत भी हुई है। शुद्ध पेयजल मिलने से जलजनित बीमारियों से भी ग्रामीणों को छुटकारा मिल रहा है।