रायपुर। प्रदेश में परिवहन विभाग का कारनामा आये दिन उजागर होता रहता है। परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया भले ही ऑनलाइन करके भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कह रहे है लेकिन राजधानी रायपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में लाइसेंस बनाने को लेकर खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में लाइसेंस बनवाने आये एक साथ 4 लोगों ने पत्रकारों के सामने कैमरे में मौखिक रूप से आरोप लगाते नजर आ रहे है उनकी शिकायत है कि लाइसेंस जारी करने के लिए उनसे ₹1000 की रिश्वत की मांग की जा रही है। अधिकारियों का साफ कहना है कि या तो पैसे दीजिए या फिर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करें। विशेष सूत्रों का कहना है कि रोजाना इन भ्रष्ट कर्मियों को लाखों रुपए बतौर रिश्वत दिए जाते हैं। जिन्होंने रिश्वत दी, उनके आवेदन पर बिना सवाल-जवाब के ही लाइसेंस बना दिया जाता है, जबकि जो रिश्वत देने से मना करते हैं, उन्हें ट्रायल में फेल कर दिया जाता है या फिर अन्य प्रकार से परेशान किया जाता है। इस स्थिति से आम जनता बेहद परेशान है और अंततः मजबूर होकर रिश्वत देने पर मजबूर होती है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ऑनलाइन प्रक्रिया के बावजूद, इन रिश्वतखोरों की दुकान कैसे फल-फूल रही है।