रीवा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कांन्क्लेव आज रीवा में है, जो सबसे ज्यादा सफल होगी। अभी तक मप्र में 2.45 लाख करोड़ का निवेश मिला… तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मिले।
रोजगार की दिशा में लगातार युवाओं को अवसर मिलेंगे
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने गठन के साथ ही लगातार मध्य प्रदेश के औद्योगिक निवेश और रोजगार की दिशा में लगातार युवाओं को अवसर मिले, हमारे हर युवा के हाथ में काम मिले इसलिए सभी सेक्टर में समान रूप से काम कर रही है। खासकर के हमारे आईटी का सेक्टर हो या एमएसएमई उद्योग का सेक्टर हो, हेवी इंडस्ट्री से लेकर फूड इंडस्ट्री तक सभी क्षेत्रों में लगातार रोजगार निवेश के अभियान में हम लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक प्रदेश के अंदर उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में हम रीजनल इंडस्ट्री कांन्क्लेव कर चुके हैं और इसे सफल बनाने के लिए मुंबई, कोयंबतूर, बेंगलुरु और कोलकाता इत्यादि स्थानों पर रोड शो करके भी आए हैं, जिसके सुखद परिणाम भी मिले हैं।
डॉक्टर यादव ने कहा कि आज रीवा में पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि रीवा महत्वपूर्ण अंचल हैं जो विंध्य और बुंदेलखंड को जोड़ते हुए विकास के लिए एक नया कीर्तिमान बनाएगा।
निवेश प्रस्तावों के संबंध में उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे
उद्घाटन समारोह के बाद मुख्यमंत्री विन्ध्य क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों के संबंध में उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे। कार्यक्रम के समापन के बाद मुख्यमंत्री शाम 6 बजे एयरपोर्ट रीवा से वायुयान से प्रस्थान कर शाम 6.50 बजे एयरपोर्ट भोपाल पहुंचेगे।
विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं: उप मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएँ हैं और इसे साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) जैसे आयोजन आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक हैं।
मुख्यमंत्री के विजनरी नेतृत्व में प्रदेश के समग्र विकास को मिल रही है नई दिशा
यह क्षेत्रीय विशेषताओं के आधार पर निवेश संभावनाओं को प्रस्तुत कर औद्योगिक विकास में संतुलन लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व में यह पहल प्रदेश के समग्र विकास को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। इसका पाँचवां संस्करण 23 अक्टूबर को रीवा में आयोजित किया जा रहा है।
यह क्षेत्र निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन गया
पहले उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में सफलतापूर्वक कॉन्क्लेव आयोजित किए जा चुके हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंत्रालय वल्लभ भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए आधुनिक और सशक्त इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग का निरंतर विस्तार किया जा रहा है, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन गया है।
सहयोगी पहलों से निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बना
क्षेत्र में सीमेंट, खनिज और सरप्लस पावर जैसी प्राकृतिक संपदाओं की प्रचुरता इसे औद्योगिक गतिविधियों के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती हैं।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और सिंगल विंडो क्लीयरेंस और औद्योगिक सहयोगी पहलों से निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बना है।
विन्ध्य क्षेत्र में उद्योगों के लिए 9,000 हेक्टेयर से अधिक का भूमि बैंक उपलब्ध
इसी सकारात्मक माहौल के चलते अब तक 4,000 से अधिक निवेशकों ने रीवा में होने वाले इस कॉन्क्लेव के लिए पंजीकरण कराया है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में उद्योगों के लिए 9,000 हेक्टेयर से अधिक का भूमि बैंक उपलब्ध है।
यह कॉन्क्लेव विन्ध्य क्षेत्र के विकास में एक नया अध्याय लिखेगी
कॉन्क्लेव में आईटी, पर्यटन, माइनिंग, एमएसएमई, कुटीर उद्योग, और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विन्ध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जिनका विकास प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विश्वास जताया कि यह कॉन्क्लेव विन्ध्य क्षेत्र के विकास में एक नया अध्याय लिखेगी।
मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास का नया केंद्र बना रीवा संभाग
रीवा संभाग, जो मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है, आज तेजी से एक उभरते औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीनता, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और खनिज भंडारों के साथ यह क्षेत्र निवेशकों के लिए अनगिनत अवसर प्रस्तुत करता है। यहां न सिर्फ औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है, बल्कि इसके पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व ने भी इसे और अधिक आकर्षक बना दिया है।
रीवा संभाग के औद्योगिक क्षेत्र
चोरहटा, गुढ़, बाईपास, और त्योथर जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन क्षेत्रों में निर्माण सामग्री, कृषि आधारित उद्योग, धातु उद्योग, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उद्योग प्रमुखता से उभर रहे हैं। रीवा का हवाई संपर्क जुड़ने के बाद इन क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार और भी बढ़ गई है, जिससे निवेशकों को माल की ढुलाई और उत्पादों की आपूर्ति में आसानी हो रही है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर
रीवा संभाग का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इसे पर्यटन के नजरिए से भी महत्वपूर्ण बनाता है। यहां स्थित रीवा किला, गोविंदगढ़ का किला, और मुक्ति धाम जैसे स्थान न केवल ऐतिहासिक धरोहर हैं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, रीवा के साथ जुड़ी बघेलखण्ड की संस्कृति ने भी इस क्षेत्र को एक विशिष्ट पहचान दी है।
खनिज और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता
रीवा संभाग खनिज संसाधनों से समृद्ध है। यहां प्रचुर मात्रा में चूना पत्थर, डोलोमाइट, और बॉक्साइट जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो औद्योगिक गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन खनिज संसाधनों का दोहन स्थानीय उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध कराता है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बल मिलता है।
पर्यटन और पौराणिक महत्व
रीवा संभाग अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। केऊटी जलप्रपात, चित्रकूट और सिद्ध बाबा जैसे स्थानों का पर्यटन महत्व है, जो न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र की धार्मिक धरोहर भी पर्यटन को बढ़ावा देती है।
राष्ट्रीय राजमार्गों और मजबूत कनेक्टिविटी का लाभ
रीवा संभाग से कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 30, एनएच 75 और एनएच 39) गुजरते हैं, जो इसे अन्य राज्यों से जोड़ते हैं और व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाते हैं। इन राजमार्गों के साथ ही अब हवाई संपर्क भी उपलब्ध है, जिससे माल की तेज और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। रीवा की उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार से निकटता इसे एक लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरने का अवसर प्रदान करती है, जिससे निवेशकों के लिए व्यापारिक गतिविधियां सरल हो जाती हैं।
मजबूत आधारभूत संरचना और सरकारी प्रोत्साहन
रीवा संभाग में उद्योगों को स्थापित करने के लिए मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है, जिसमें सस्ती औद्योगिक भूमि, बिजली और जल की बेहतर उपलब्धता शामिल है। सरकार की कर छूट, सस्ती दरों पर भूमि और प्रोत्साहन योजनाएं निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन रहा
रीवा संभाग, अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और औद्योगिक धरोहर के साथ, मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन रहा है। हवाई और सड़क संपर्क, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, और सरकार की नीतियां इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती हैं। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन सकता है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा।
बघेली और अन्न के व्यंजनों से महकेगा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
रीवा में 23 अक्टूबर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे। मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में विन्ध्य के विकास तथा विन्ध्य में औद्योगिक निवेश के लिए उद्योगपतियों से संवाद करेंगे।
अतिथियों को विन्ध्य के प्रमुख व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिलेगा
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले अतिथियों को विन्ध्य के प्रमुख व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा सभी अतिथियों के लिए विशेष रूप से बघेली संस्कृति के प्रमुख व्यंजनों से अतिथियों को तृप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
मालपुआ, खुरचन, लौंगलता जैसे परंपरागत मिठाइयों को परोसा जाएगा
अतिथियों को इदरहर की कढ़ी, रिकमच की कढ़ी, रसाज, बरा-मुगौरा, दालपूरी और गुराम जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे। इनके साथ-साथ उड़द और मूंग की दाल से बने कई व्यंजन, महुए से बने लड्डू और लाटा भी चखने को मिलेंगे। मिठाइयों में मालपुआ, खुरचन, लौंगलता जैसे परंपरागत मिठाईयों को परोसा जाएगा।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बघेली और अन्न से बने व्यंजनों से महकेगी
अतिथियों को कोदौ, मक्का, ज्वार और बाजरा जैसे अन्न से बने व्यंजनों के स्वाद लेने का भी अवसर मिलेगा। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बघेली व्यंजनों की महक दूर-दूर तक फैलाने के लिए सफल साधन सिद्ध होगा। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बघेली और अन्न से बने व्यंजनों से महकेगी।
रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव में 4 हजार उद्योगपतियों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
,अधिकारियों ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजानईदुनिया प्रतिनिधि,रीवा:रीवा में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियां अंतिम चरण पूरा हो गया हैं। जिसमें रीवा में सैकड़ों उद्योगपति शिरकत करेंगे। कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई।
इनके आने के पहले ही होटल की एडवांस बुकिंग कर दी गई है
तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने अधिकारियों के साथ समीक्षा की और तैयारियों का जायजा लिया। बुधवार को सुबह 9.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने संभाली जिम्मेदारी इस कॉन्क्लेव से नए उद्योगों के आने की संभावनाओं को बल मिलेगा। देशभर से बड़े और छोटे उद्यमी इसमें हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं।
इस कॉन्क्लेव के बाद रीवा की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है
बड़े इन्वेस्टमेंट की संभावनाएं जताई जा रही हैं। यही वजह है कि कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर अधिकारी जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के पीएस राघवेंद्र सिंह ने उधर मोर्चा संभाल रखा है। सीएम के साथ रीवा पहुंचे पीएस वापस नहीं गए। रीवा में ही रुक कर तैयारियों को अंतिम रूप देने जुटे हुए हैं।
पीएस ने कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया
मुख्यमंत्री के पीएस ने कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। इसके अलावा अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।6 कलर के पास हुए जारीरीजनल कॉन्क्लेव के लिए 6 रंग के पास लागू किए गए हैं। सभी रंगों के पास के लिए अलग अलग बैठक व्यवस्थाएं और इंट्रेस बनाए गए हैं।
6 डोम तैयार किए गए, सभी में पास के जरिए इंट्री मिलेगी
कार्यक्रम स्थल पर 6 डोम तैयार किए गए हैं। इन सभी डोम में इन्हीं पास के जरिए इंट्री मिलेगी। मुख्य कार्यक्रम ऑडिटोरियम में होगा। सीएम वन टू वन उद्यमियों से चर्चा करेंगे। आने-जाने के लिए रास्ते भी तय किए जाएंगे। उद्यमियों को गाइड करने के लिए अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
रीजनल कॉन्क्लेव का मोर्चा राजपत्रित और नान राजपत्रित अधिकारी संभालेंगे
सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के हाथ में होगी। कार्यक्रम में 20 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा 100 अन्य अधिकारियों को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा 200 अन्य स्टाफ की डिमांड भी बाहर से की गई है।चार हजार छोटे-बड़े उद्योगपतियों ने कराया रजिस्ट्रेशनमुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव राधवेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम स्थल कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का पहली बार आयोजन हो रहा है
प्रमुख सचिव ने कहा कि रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का पहली बार आयोजन हो रहा है। कई बड़े उद्योगपति और निवेशक इसमें शामिल होने के लिए रीवा आ रहे हैं। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीन हजार से अधिक छोटे बड़े उद्योगपतियों और उद्यमियों ने पंजीयन कराया है। इनके स्वागत में कोई कोर कसर ना रखें।
समारोह के बाद प्रमुख उद्योगपतियों से वन टू वन संवाद करेंगे
मुख्यमंत्री उद्घाटन समारोह के बाद प्रमुख उद्योगपतियों से वन टू वन संवाद करेंगे। प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम स्थल में सुरक्षा व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, साफ-सफाई व्यवस्था, साज-सज्जा और वाहनों की पार्किंग के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
कॉन्क्लेव के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी
मौके पर मौजूद प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी चन्द्रमौलि शुक्ला, रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद और कलेक्टर प्रतिभा पाल ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी। डीआईजी साकेत पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर और अन्य संबंधित अधिकारी भी कार्यक्रम की कमान संभाल रहे हैं।
450 पुलिसकर्मी, 4 एएसपी, 12 डीएसपी रहेंगे तैनात
रीवा में बुधवार को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव होगी। इसे देखते हुए पुलिस विभाग ने चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। अतिथियों के आगमन से लेकर 23 अक्टूबर की रात तक सुरक्षा के लिहाज से जरूरी तैयारी कर ली है।
आईजी खुद व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं
आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया, कॉन्क्लेव में शामिल होने बड़ी संख्या में उद्योगपति रीवा आ रहे हैं। जिला पुलिस और प्रशासन इंतजाम कर लिए हैं। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यातायात को दुरुस्त बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग ने पूरी सजगता से संभाल ली है।सुरक्षा व्यवस्था और आवागमन को सुचारु बनाए रखने के लिए अन्य जिलों के पुलिस जवानों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
450 से ज्यादा संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं
450 से ज्यादा संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं इसमें चार एडिशनल एसपी, 12 डीएसपी रैंक के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेंगे। संभाग के बाहर अन्य जिलों से भी इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मी भी कार्यक्रम की समाप्ति तक तैनात रहेंगे। एक टीम लगातार पेट्रोलिंग करेगी, जबकि दूसरी टीम कंट्रोल रूम से पूरी व्यवस्थाओं का जायजा लेती रहेगी। किसी को भी किसी तरह की असुविधा नहीं हो पाएगी।