दुबई
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है, जहां हमास के नए राजनीतिक नेता याह्या सिनेवार के भी मारे जाने की संभावना है। इजरायली सेना ने इसकी कहा है कि वह इसकी जांच कर रही है और पूरी संभावना है कि हमास चीफ उसके हमले में मारा गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी याह्या सिनेवार के मारे जाने की खबरें सामने आई थीं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसका खंडन भी किया गया था। अब इजरायली सेना नई संभावनाओं के साथ इसकी जांच कर रही है।
आतंकियों की नहीं हुई है पहचान
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में एक ऑपरेशन के बाद हमास नेता याह्या सिनवार को मार गिराने का अनुमान लगाया है। सेना ने यह भी कहा है कि उसने तीन आतंकवादियों को निशाना बनाया था। सेना ने बयान में कहा, 'इस स्तर पर आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि नहीं की जा सकती है।' इसने कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं थे कि जिस इमारत में तीन आतंकवादी मारे गए थे, वहां बंधक मौजूद थे। गौरतलब है कि सिनवार, 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसके कारण गाजा में बड़े पैमान पर युद्ध छिड़ा। उसे अगस्त में तेहरान में पूर्व नेता इस्माइल हानिये की हत्या के बाद हमास का नेता नामित किया गया था।
हमास ने नहीं की कोई टिप्पणी
इधर, हमास की ओर से इस पूरे मामले पर कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की गई है। यदि सिनवार की मौत की पुष्टि की जाती है तो इजरायली सेना और प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए यह एक बड़ी सफलता होगी, जिन्होंने हाल के महीनों में अपने दुश्मनों के प्रमुख नेताओं की हाई-प्रोफाइल हत्याओं की श्रृंखला शुरू की है। रॉयटर्स के मुताबिक सिनवार इजरायल की वांटेड लिस्ट में सबसे ऊपर है, लेकिन अब तक उसका पता नहीं लगाया जा पा रहा था। संभवतः वह पिछले दो दशकों में हमास द्वारा गाजा के नीचे बनाई गई सुरंगों के जाल में छिपा हुआ है।
हिजबुल्लाह चीफ को भी मार गिराया था
इससे पहले इजरायल ने पिछले महीने बेरूत में ईरानी समर्थित हिजबुल्लाह आंदोलन के नेता हसन नसरल्लाह को भी मार डाला। साथ ही समूह की सैन्य शाखा के शीर्ष नेतृत्व को भी मार डाला। हमास के नेतृत्व वाले बंदूकधारियों ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। जवाब में इजरायल के अभियान में 42,000 से अधिक लोग मारे गए। गाजा का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया और इसकी अधिकांश आबादी विस्थापित हो गई।