कोरबा.
कोरबा में शारदीय नवरात्र पर्व कोरबा जिले के एक परिवार को अपार खुशी देने का माध्यम बन गया, जब उसकी बिछड़ी हुई बालिका अचानक मिल गई। पूजा पंडाल में उसे एक परिजन ने देखा और जानकारी दी। जरूरी औपचारिकता के साथ अपना घर सेवा आश्रम ने बालिका को उसके परिजनों को सौंप दिया।
सार्वजनिक रूप से होने वाले कार्यक्रमों के दौरान कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जब भीड़भाड़ में छोटे बच्चे गुम हो जाते हैं और फिर वह पर्याप्त जानकारी के अभाव में अपने परिजनों से मिल नहीं पाते। ऐसे में पुलिस आगे के विकल्प पर काम करते हुए ऐसे बच्चों को पूर्ण संस्थाओं के हवाले कर देती है जो चाइल्ड केयर को लेकर काम करते हैं। कोरबा जिले के पाली तानाखार क्षेत्र में पिछले वर्ष ऐसे ही घटना हुई थी जहां एक बालिका नवरात्र पर्व देखने के दौरान गुम गई थी। उसे समय परिजनों ने अपने स्तर पर यहां वहां उसकी तलाश की लेकिन कोई परिणाम नहीं मिले।परिजनों ने इसकी शिकायत सम्बंधित थाना पुलिस से भी की थी पुलिस ने भी काफी खोजबीन की लेकिन कोई पता नही चल सका। तब उनके मन में निराशा छा गई और वह शांत हो गए। इस वर्ष यह बालिका दुर्गा पूजा के अवसर पर एक पूजा पंडाल में दिखाई दी जिसे उसके भाई ने पहचान लिया। परिजनों को यह पता चला तो वह खुशी से झूम उठे। उन्होंने लंबी अवधि तक बालिका को सुरक्षित रखने के लिए सेवा आश्रम का धन्यवाद ज्ञापित किया और बालिका के मिलने पर खुशी जताई। सेवा आश्रम के संचालक राणा सिह ने बताया कि पिछले वर्ष डायल 112 की टीम इस बालिका को लेकर हमारे पास पहुंची थी।उसकी मानसिक स्थिति थोड़ा खराब था पता नही बता पा रही थी उसे आश्रम में रखा गया था। नवरात्र के दौरान आश्रम की ओर से सभी लोगो को धुमाने लेकर गए हुए थे इस दौरान अचानक परिजनों को पहचान ली।नवरात्र पर बालिका का अपने परिजनों से मिलन काफी सुखद रहा है और इसे वे देवी का चमत्कार मानते हैं। बालिका की नानी सुकवरा बाई ने बताया कि उसे भरोसा नही है माँ का चमत्कार ही मान रहे हैं जो एक वर्ष पहले नवरात्र में गुम हुई थी और ठीक नवरात्र में मिल गई माँ का चमत्कार ही मानते है। संस्था ने विधि पुलिस को सूचना दी और अग्रिम करवाही करते हुए सुपुर्द किया गया।