वाशिंगटन
अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने आगाह किया कि विदेशी सरकारें इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव में अमेरिकी लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने के प्रयास के तहत देशभर में प्रतिनिधि सभा और सीनेट के चुनावी मुकाबले को प्रभावित कर रही हैं।
रूस और चीन ने कुछ चुनावी मुकाबलों में उम्मीदवारों की मदद करने या उन्हें नुकसान पहुंचाने के मकसद से एक अभियान शुरू किया है। नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक कार्यालय के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कितने मुकाबलों पर असर डाला गया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि दोनों देशों ने ऐसे चुनावी मुकाबलों में हस्तक्षेप किया है जहां उन्हें लगता है कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा हित दांव पर हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अन्य छोटे देश भी चुनाव में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर सकते हैं।
सोमवार को विदेशी चुनाव खतरों पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, क्यूबा ‘‘लगभग निश्चित रूप से’’ ऐसे उम्मीदवारों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है जो वहां की सरकार को लगता है कि अमेरिका में उनके हितों का समर्थन करेंगे।
खुफिया अधिकारियों ने प्रतिनिधि सभा और सीनेट के लिए कड़े चुनावी मुकाबले के दौरान यह रिपोर्ट जारी की है।
उन्होंने नाम न उजागर करने की शर्त पर पत्रकारों को बताया कि रूस और चीन के नेता अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था को अच्छी तरह समझते हैं और मानते हैं कि इस साल का करीबी चुनावी मुकाबला दुष्प्रचार के लिए अच्छी स्थितियां पैदा करता है।
अधिकारियों ने बताया कि चीन ने ताइवान के लिए समर्थन समेत बीजिंग को अहमियत देने के मुद्दो पर उम्मीदवारों के रुख के आधार पर दोनों दलों के प्रत्याशियों को निशाना बनाया है।
बहरहाल, रूस, चीन, ईरान और क्यूबा में अधिकारियों ने सभी आरोपों को खारिज किया है कि उनकी सरकारें अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही हैं।