नई शिक्षा नीति में युवाओं को रोजगार के साथ स्व-रोजगार के भी भरपूर अवसर मिलेंगे : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव

सभी महाविद्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संचालित होगी नि:शुल्क कोचिंग क्लासेस
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा नीति और युवा नीति संबंधी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का किया समाधान
भोपाल।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नवीन शिक्षा नीति से अब शिक्षा कर्मकांड नहीं बल्कि सच्चे अर्थों में युवाओं के जीवन को सार्थक बनाने में सहायक होगी। युवा उन्नति के पथ पर अग्रसर होकर राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव सोमवार को नर्मदापुरम जिले के नर्मदा महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं मध्यप्रदेश युवा नीति के एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा नीति और युवा नीति से अब प्रदेश का युवा वर्ग प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही अपने लक्ष्य निर्धारित कर अपनी रूचि के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेगा। अब स्नातक की डिग्री कर्मकांड नहीं बल्कि उपयोगी शिक्षा को आत्मसात करने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति को लेकर प्रदेश के सभी संभागों में सेमिनार किए जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों से सीधा संवाद कर शिक्षा नीति की उपयोगिता के बारे में जानकारी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करने का कार्य किया जा रहा है। ऐसी कार्यशाला जिला स्तर और महाविद्यालय स्तर पर भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय ज्ञान यज्ञ की भूमिका अदा करें।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता में अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर क्रांतिकारियों के जीवन संघर्ष और बलिदान को समाहित करते हुए पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इससे बच्चे वीर महापुरुषों के क्रांतिकारी इतिहास को पढ़ कर प्रेरित हो सकेंगे।
बच्चों से किया संवाद
कार्यशाला में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने बच्चों से वन-टू-वन चर्चा कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। छात्र हर्ष वर्मा ने पूछा कि ग्रामीण शिक्षा को मजबूत बनाने में नई शिक्षा नीति कैसे सहायक होगी। उत्तर में मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति में उम्र की कोई बाधा नहीं होगी। किसान, वृद्धजन, सभी शिक्षित हो सकेंगे। ओपन यूनिवर्सिटी की तर्ज पर भोज और इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाओं से ड्रॉप लिए विद्यार्थी भी अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे। अब विद्यार्थी एक साथ दो कोर्स में भी डिग्री कर पाएंगे। उत्तीर्ण होने के लिए नंबर सिस्टम की जगह क्रेडिट सिस्टम लागू होगा। अब व्यक्ति किसी भी उम्र में और किसी भी कोने से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेगा। परिवेश बाधा नहीं बनेगा।
छात्र प्रेमलता सैनी ने पूछा कि शिक्षा नीति रोजगार और प्रशिक्षण के क्षेत्र में कैसे लाभकारी होगी। मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति में रोजगार के साथ युवाओं को स्व-रोजगार के भी भरपूर अवसर उपलब्ध होंगे। छात्र पूजा गोस्वामी ने पूछा कि जो निर्धन छात्र पुस्तकों के अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं उसके लिए शिक्षा नीति में नया क्या है। मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आज ऐसा कोई भी छात्र नहीं है जिसके पास सर्व सुलभ पुस्तक की उपलब्धता न हो। साथ ही डिजिटल लर्निंग के लिए शिक्षा पोर्टल जैसे अन्य कई प्लेटफार्म निरंतर संचालित किए जा रहे हैं। इससे प्रदेश ही नहीं देश के विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। छात्र अंशिका गुप्ता ने पूछा कि आज यूपीएससी, एमपीपीएससी आदि प्रतियोगी परिक्षाओं में सफल होने के लिए कोचिंग क्लासेज की महती आवश्यकता है। किंतु आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी इस प्रकार की कोचिंग क्लासेस करने में असमर्थ है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए क्या व्यवस्था की गई हैं। उत्तर में मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सभी विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए नि:शुल्क कोचिंग क्लासेज संचालित की जाएगी।
डॉ. यादव ने नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर केंद्रित पुस्तिका “नई शिक्षा नई उड़ान” का विमोचन किया। उन्होंने 40 से अधिक विषयों के 1600 से अधिक कंटेंट पर केंद्रित ई-शिक्षा पोर्टल का उद्घाटन भी किया। साथ ही उन्होंने हिंदी साहित्य पर केंद्रित विभिन्न पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। मंत्री डॉ. यादव ने खेल, एनसीसी, एनएसएस एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र एवं शील्ड देकर सम्मानित किया।

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