बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अपनी पत्नी पार्वती के मैसूरु में जब्त की गई संपत्ति के मुआवजे के रूप में दिए गए भूखंडों को वापस करने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया है और कहा है कि उन पर (पार्वती पर) इस विवाद का बहुत बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है।
श्री सिद्दारमैया ने खुलासा किया कि हालांकि उनका इरादा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में प्लॉट आवंटन में घोटाले के आरोपों से लड़ने का था, लेकिन उनके चार दशक लंबे राजनीतिक करियर में पार्वती की कोई भूमिका नहीं होने के मद्देनजर जमीन छोड़ने का फैसला अप्रत्याशित रूप से आया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी पत्नी विपक्षी दलों द्वारा रचित राजनीतिक साजिश का शिकार बन गई हैं।
उन्होंने कहा, “राज्य के लोग यह भी जानते हैं कि विपक्षी दलों ने झूठी शिकायत की और मेरे खिलाफ राजनीतिक नफरत पैदा करने के लिए मेरे परिवार को विवाद में घसीटा।” उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप उनकी पत्नी को मानसिक यातना सहनी पड़ी है। एमयूडीए जमीन घोटाले के आरोप का विरोध करने के अपने दृढ़ संकल्प के बावजूद श्री सिद्दारमैया ने अपनी पत्नी के फैसले को स्वीकार किया और उसका सम्मान किया, साथ ही विवाद के कारण उन पर पड़े भावनात्मक बोझ पर अफसोस जताया। भूमि की प्रस्तावित वापसी ने राजनीतिक तूफान को और बढ़ा दिया है तथा विपक्षी दलों ने कर्नाटक में आगामी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पर अपने हमले तेज कर दिए हैं।