रांची.
झारखंड की एक महिला अपने पति की शिकायत लेकर थाने पहुंची। रांची के बरियातू सत्तार कॉलोनी की रहने वाली पौलिना हेमरोम ने पति फिरोज आलम पर धर्मांतरण कराने, जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने और प्रताड़ित कर घर से निकालने का आरोप लगाया है। शिकायत में उसने यह भी कहा कि उसका पति 10-12 महिलाओं का धर्म बदल चुका है। इस संबंध में पीड़िता ने पति फिरोज आलम, ननद शाहनाज खातून व निखत परवीन समेत रहनुमा खातून के खिलाफ एसटी-एससी थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़िता ने आवेदन में कहा है कि वह 28 सितंबर को अपनी बहू और पोतों के हित के लिए पति के पास गईं। आरोपियों ने उनके साथ गाली-गलौज की। चाकू से मारने का प्रयास किया। इसके बाद वह डरकर वहां से भाग गईं। महिला ने दर्ज शिकायत में कहा है कि उनकी शादी फिरोज से साल 1992 में हुई थी। वह उनकी दूसरी पत्नी थी। उनका पति घर पर चार पत्नियां रखे हुए है। महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति 10 से 12 महिलाओं का अब तक धर्मांतरण कराकर शादी कर चुका है। उनके पति ने कई बार उस पर भी धर्मांतरण करवाने का प्रयास भी किया। पति समेत ससुराल वाले शादी के बाद से न सिर्फ उन्हें प्रताड़ित करते हैं। जातिसूचक गाली देते हैं।
शिकायत लेकर थाने पहुंची महिला
उनके पुत्र की मौत के बाद बहू और पोतों का हक मांगने पर आरोपियों ने उनके साथ बदसलूकी की। धमकी दी कि रहना है तो घर पर रहो, नहीं तो आत्महत्या कर लो। इसके बाद वह थाना पहुंचकर मामला दर्ज करायी है। रांची के थड़पखना में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के मामले की जांच शुरू हो गयी है। इसको लेकर लोअर बाजार थाना में अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। दारोगा सुधीर बाड़ा की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार को थड़पखना में सड़क पर एक बोरे में प्रतिबंधित मांस का टुकड़ा फेंके जाने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस की टीम पहुंची। उस दौरान स्थानीय लोग हंगामा कर रहे थे। उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया और यातायात सामान्य कराया गया। इसके बाद पुलिस की टीम ने प्रतिबंधित मांस को जब्त कर उसे दफन कर दिया गया। दर्ज प्राथमिकी के आधार पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है। यह पता किया जा रहा है कि प्रतिबंधित मांस किसने गिराया है। गौरतलब हो कि एचबी रोड थड़पखना स्थित एक धार्मिक स्थल के पास रविवार को प्रतिबंधित मांस मिलने के बाद हंगामा हुआ। स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर जमकर प्रदर्शन किया था। पुलिस की टीम पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया था।