पटना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जैसे विदेशी राजनयिकों की कतार दिखती है, दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर बिहार में राजनीतिक दल की प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे प्रशांत किशोर के कार्यक्रम में उसी तरह विदेशी मेहमानों का जमावड़ा रहेगा। हां, 10-12 देशों के लोग रहेंगे प्रशांत किशोर के मंच पर।
बिहार की दशा-दिशा बदलने के नाम पर राजनीतिक दल का गठन कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, यानी पीके ने ऐसी भी तैयारी रखी है। बुधवार को इस कार्यक्रम में प्रशांत किशोर की पार्टी का नामकरण भी होगा। 'जन सुराज' नाम कायम रखने पर ज्यादा लोगों की सहमति है, लेकिन अंतिम फैसला लेकर कल खुद पीके मंच से एलान करेंगे। इसके साथ ही वह पार्टी अध्यक्ष के नाम का भी एलान करेंगे। प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार के अलावा बड़े इवेंट मैनेजर के रूप में भी अपने इस कार्यक्रम की तैयारी करा रहे हैं। पूरे बिहार में पीले रंग में रंगी जन सुराज की गाड़ी घूमकर माहौल बना रही है तो राजधानी पटना में इसे मेगा इवेंट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। पटना के गांधी मैदान में जगह नहीं मिली तो वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में पीके की पार्टी का पहला कार्यक्रम हो रहा है। यह पटना एयरपोर्ट के बगल में है और यहां आम आबादी अमूमन कम जाती है। इसे देखते हुए लोगों को उस तरफ मोड़ने के लिए कई तरह की तकनीकी तैयारी भी रखी गई है। पीके की पार्टी गठन के इस कार्यक्रम में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी सहित 10 देशों से मेहमानों को बुलाया गया है। वह यहां बिहार और बिहारी की ताकत देखेंगे। दूसरी तरफ उन्हें बुलाकर इस इवेंट को वैश्विक बनाने की तैयारी की गई है।
प्रशांत किशोर की पत्नी होंगी पार्टी की अध्यक्ष?
प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती पर अपनी पार्टी के गठन की घोषणा की, तभी से बिहार की राजनीति के दिग्गजों ने उन्हें कमतर बताना तेज कर दिया। अब प्रचार हो रहा है कि वह अपनी पत्नी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने जा रहे हैं। यह हल्ला इसलिए है, क्योंकि खुद पीके अध्यक्ष नहीं बनने की बात कह रहे हैं। परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए पीके अपनी पत्नी को शायद ही यह जिम्मेदारी दें। ऐसे में अध्यक्ष कौन बनेगा, इसपर गहन मंथन जन सुराज के मौजूदा सक्रिय टीम में भी हो रहा है। यह घोषणा भी कल खुद पीके ही करेंगे।
इवेंट मैनेजमेंट से राजनीतिक दलों को सीख
पीके ने जन सुरक्षा स्थापना अधिवेशन के जरिए राजनीतिक दलों को भी इवेंट मैनेजमेंट की सीख दी है। बुधवार को कार्यक्रम के बाद इसकी सफलता पर बहस होगी, लेकिन फिलहाल तैयारी देखने लायक है। बाकायदा सभी जिलों से आ रही गाड़ियों को रूट मैप दिया गया है। ऐसा रूट मैप जो उनके जिले से पटना पहुंचने और पार्किंग स्थल होकर सभा स्थल पहुंचने तक की जानकारी दे रहा है। भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, बांका, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा और मुंगेर की गाड़ियों को चितकोहरा साईं मंदिर मैदान में रुकने का निर्देश दिया गया है। यहीं इन गाड़ियों में आए लोगों के खान-पान की भी व्यवस्था रखी गई है। गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद की गाड़ियां अनीसाबाद के राम लिखन सिंह यादव कॉलेज में ठहराई जाएंगी, जबकि इनमें आए लोगों को खाने के लिए साईं मंदिर मैदान में जाना होगा। नवादा, नालंदा, बेगूसराय, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया की गाड़ियां गर्दनीबाग स्थित पटना हाई स्कूल में ठहराई जाएंगी और इनमें आए लोगों के खान-पान की व्यवस्था भी यहीं होगी। इन सभी जगहों से लोग पैदल सभा स्थल तक जाएंगे और रास्ते में मार्ग-प्रदर्शक भी होंगे।
वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, पश्चिम-पूर्वी चंपारण की गाड़ियां जेपी सेतु से आएंगी और उससे उतरते ही तीन फूड स्टॉल पर इनके खाने-पीने की व्यवस्था रहेगी। भोजन के बाद बसें मरीन ड्राइव होकर अटल पथ आएंगी और आर. ब्लॉक गोलंबर पर ठहर जाएंगी। यहां से लोग पैदल वेटनरी कॉलेज जाएंगे। अक्षम लोगों के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी रखी गई है। समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर से आने वाली बसें गांधी सेतु से आकर भी अटल पथ पर जाएंगी और उसी तरह भोजन कराने के बाद आर. ब्लॉक तक पहुंचाकर लौट जाएंगी।