स्वच्छता ही सेवा-2024 अभियान में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 42 हजार 500 स्वच्छता गतिविधियाँ हुई

स्वच्छता ही सेवा-2024 अभियान

स्वच्छता पखवाड़े की उपलब्धियों के परिणाम स्वच्छता सर्वेक्षण में दिखेंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्वच्छता ही सेवा-2024 अभियान में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 42 हजार 500 स्वच्छता गतिविधियाँ हुई

2 लाख 8 हजार 444 सफाई मित्रों-परिजनों की 8 शिविरों में हुई स्वास्थ्य जाँच, 2 लाख से अधिक विद्यार्थियों से संवाद कर बताया स्वच्छता का महत्व

"स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता" थीम पर केन्द्रित रहा अभियान

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को सवच्छ बनाने के लिए स्वच्छता पखवाड़े में जन भागीदारी के साथ चलाई गई विभिन्न गतिविधियों से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए है। इसके परिणाम भविष्य में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भी दिखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन 17 सितम्बर से शुरू हुए स्वच्छता पखवाड़े में पूरे प्रदेश में स्वच्छता के प्रति आम नागरिकों ने जो सहभागिता की, वह जन-आंदोलन बन गया। पखवाड़े का समापन गांधी जयंती 2 अक्टूबर को होगा, जिसमें स्वच्छता संबंधी 685 करोड़ रूपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया जायेगा।

स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगाँठ के मौके पर इस वर्ष “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ थीम पर स्वच्छता अभियान 17 सितम्बर से शुरू हुआ। अभियान में प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में करीब 42 हजार 500 से अधिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इनमें 34 हजार 22 स्वच्छता में जन-भागीदारी, वृहद स्वच्छता अभियान की 2355 और 7 हजार 990 सफाई मित्र सुरक्षा शिविर प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 8 हजार स्वास्थ्य शिविरों में 2 लाख 8 हजार 444 सफाई मित्रों और उनके परिजनों की स्वास्थ्य जाँच की गई। प्रदेश में 968 ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उनके सुधार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया।

मानव श्रृंखला और सफाई मित्रों का सम्मान

स्वच्छता ही सेवा अभियान में स्कूल शिक्षा विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग ने मिलकर शालाओं में संवाद कार्यशालाओं का आयोजन किया। इनमें 2 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं से संवाद कर उन्हें स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया। प्रदेश की 850 शालाओं में एक लाख 2 हजार 200 से अधिक विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला का निर्माण कर जन-सामान्य को स्वच्छता का संदेश दिया। प्रदेश के नगरीय निकायों में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से 2333 वृहद स्तर पर स्वच्छता अभियान संचालित किये गये, जिसमें लाखों नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों की भागीदारी रही। सार्वजनिक कार्यक्रम के जरिये शामिल सदस्यों को शहरों को साफ रखने की शपथ दिलाई गई।

स्वच्छता शिविरों का आयोजन

प्रदेश में नगरीय निकायों में लगभग 8 हजार स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 2 लाख 8 हजार 444 सफाई मित्र और उनके परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके अलावा इन कार्यक्रमों में शासकीय योजनाओं का हित-लाभ दिलाने के लिये विशेष शिविर भी लगाये गये। नगरीय निकायों में 968 ब्लैक स्पॉट को उपचारित किया गया।

अपशिष्ट प्र-संस्करण इकाई और पॉलीथिन के उपयोग पर रोक

स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान संग्रहित होने वाले कचरे के पृथक्कीकरण के बारे में नागरिकों को समझाइश दी गई। छात्रों एवं युवाओं को प्र-संस्करण इकाइयों का भ्रमण कराया गया। उन्हें कचरे के सुरक्षित निपटान की जानकारी दी गई।

स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता

इस वर्ष का स्वच्छता अभियान का मुख्य विषय “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ रखा गया था। अभियान के दौरान बच्चों को शुरू से ही स्वच्छता की आदत डालने के बारे में बताया गया। बच्चों के पालकों को अपने व्यवहार में स्वच्छता को आत्मसात करने के बारे में बताया गया। शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, अमृत महोत्सव, कचरा मुक्ति जैसे विषयों पर नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से नागरिकों को जागरूक किया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *