ग्वालियर। किसानों को उन्नत खेती की तकनीक की जानकारी देने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए मध्यप्रदेश में 10 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू किए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए अगले तीन वर्ष में चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के 52 जिलों में 10 हजार 500 यूनिट स्थापित करने की भी प्लानिंग है। फिलहाल प्रारंभिक चरण में 20 विकासखंडों में 200 यूनिट एक साथ शुरू करने का काम भी शुरू हो चुका है।
मध्य प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह यूनिट अलग-अलग जिलों में शुरू करने की योजना है। खाद्य प्रसंस्करण के लिए तैयार हो रही इन इकाइयों से स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। खास बात ये है कि फूड प्रोसेसिंग की तकनीक और टमाटर सहित अन्य उद्यानिकी फसलों की तकनीक को समझाने के लिए नीदरलैंड के विशेषज्ञों की भी मदद किसानों को मिलेगी।
यह है ग्वालियर-चंबल का प्लान
इस योजना में प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा ग्वालियर विकासखंड के मुरार और घाटीगांव को भी शामिल किया गया है।
अंचल के किसानों के लिए बेहटा में तैयार हो रही टिश्यू कल्चर लैब एटोपोरियम आधुनिक सिस्टम से लैस होगी।
एटोपोरियम तकनीक से लैस होने वाली यह मध्यप्रदेश की पहली लैब होगी।
किसान प्रशिक्षण केन्द्र का काम 1 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।
नूराबाद में 10 करोड़ रुपए की लागत से एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना की जा रही है।