नारायणपुर। मतांतरण विरोधी आदिवासियों के जिला मुख्यालय में चर्च में तोड़फोड़ और एसपी सदानंद कुमार पर हमला कर सिर फोड़ने की घटना के बाद से ही नारायणपुर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। हालात न बिगड़े इसलिए पांच जिले की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ आईजी पी. सुंदरराज खुद ही मोर्चा संभाले हुए हैं। सोमवार को हुई घटना के बाद मंगलवार को नारायणपुर में कर्फ्यू जैसे हालात दिखाई दिए। सुबह निजी स्कूल तो खुले पर डर की वजह से पालकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच सड़कें सूनी रही। अधिकतर दुकानें दोपहर 12 बजे तक बंद थी। इसके बाद एक-एक कर दुकानें खुलती रही। नारायणपुर मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत एड़का, जहां से विवाद की शुरुआत हुई वहां तक भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा। नगर में शांति बहाल करने पुलिस ने दो दिन के अंदर दूसरी बार शांति मार्च निकाला।
चौक-चौराहों पर वाहनों की जांच
जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर पुलिस बल तैनात रहा। आने-जाने वाले प्रत्येक वाहन की सघन जांच की जाती रही। जिले में धारा 144 लागू नहीं है पर कहीं भी गुटबाजी होने से रोकने सामूहिक रुप से इकट्ठा होने पर रोक लगाए गए थे। नगर के हरेक चौक-चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी।
भाजपा जिलाध्यक्ष न्यायालय में पेश
भाजपा जिलाध्यक्ष व सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रुपसाय सलाम को पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया। उन पर उपद्रव करने, भड़काने, धमकी देने व मारपीट संबंधी प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अतुल नेताम, पवन नाग, डोमेश यादव, अंकित नंदी इन्हें भी न्यायालय में पेश किया गया। कई आदिवासी नेताओं को पुलिस के हिरासत में लिए जाने की भी सूचना है पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।