पंजाब से यूपी तक रेड अलर्ट, कब तक रहेगा शीत लहर और कोहरे का डबल अटैक

नई दिल्ली। भारत में मौसम का हाल ऐसा कि एक ओर जहां उत्तर, पूर्व और मध्य के राज्य ठंड का सामना कर रहे हैं। वहीं, दक्षिण भारत के राज्य बारिश में भीग रहे हैं। मंगलवार की सुबह राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य कोहरे की चादर में दबे रहे। अब सोमवार को ही भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने अगले पांच दिनों तक घने से बहुत घने कोहरे की संभावनाएं जताई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ हिस्सों में घने से बहुत घना कोहरा छाया रहा। वहीं, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश वासी भी कोहरे के गवाह बना सकते हैं। IMD ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि बठिंडा, अमृतसर, गंगानगर, पटियाला, दिल्ली (पालम), लखनऊ में विजिबिलिटी बेहद कम रही। मौसम विभाग की तरफ से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अगले पांच दिनों के दौरान घने से बहुत घना कोहरा छाया रहेगा। साथ ही हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में अगले पांच दिनों तक शीतलहर की स्थिति बन सकती है।
कोहरे की वजह
नमी और इंडो-गंगा के मैदान में लोअर ट्रोपोस्फेरिक लेवल्स पर हल्की हवाओं को कोहरे की वजह माना जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 4-5 दिनों के दौरान भारत को उत्तरी हिस्सों के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा। गुजरात में भी अगले तीन दिनों के दौरान बड़े बदलाव के आसार नहीं हैं। IMD के अनुसार, बहुत घना कोहरा तब कहा जाता है जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता को घना कोहरा, 201 से 500 को मध्यम और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता को हल्का कोहरा कहा जाता है। मौसम विभाग ने सोमवार को अनुमान जताया था कि सिंधु-गंगा के मैदानी हिस्सों यानी उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में अगले पांच दिन ‘घने से बहुत घना कोहरा’ छाया रह सकता है जिससे ट्रेनों तथा उड़ानों को रद्द किया जा सकता है या उनके मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है।
भीगने की तैयारी में ये राज्य
स्कायमेट वेदर के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। साथ ही तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में छिटपुट बारिश के आसार हैं। इसके अलावा उत्तर पश्चिम भारत में 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़त की संभावनाएं जताई जा रही हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि इसके बाद तापमान में फिर गिरावट होगी।

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