भोपाल। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना के कामों को शिवराज सरकार गति देगी। चार हजार हेक्टेयर राजस्व भूमि इसी सप्ताह वन विभाग को हस्तांतरित करने की तैयारी है। भू-अर्जन के लिए भी प्रस्ताव तैयार हो चुका है। भोपाल में प्राधिकरण का कार्यालय भी स्थापित हो गया है, जो जल्द ही विधिवत कार्य प्रारंभ कर देगा।
उधर, राज्य सरकार ने केंद्र से 31 अगस्त 2022 तक परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य पर व्यय किए जा चुके एक हजार 175 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करने की मांग की है। वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि आगामी केंद्रीय बजट में परियोजना के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया जाए।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के नौ लाख आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। 41 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। 45 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रभावित क्षेत्र के बदले में कोर एरिया को विस्तार दिया जाना है।
इसके लिए राजस्व विभाग की भूमि वन विभाग को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया की जा रही है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन ने शासकीय और निजी भूमि चिन्हित कर ली है। लगभग चार हजार हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित की जाना है। यह प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी। पार्क से लगे पन्ना और छतरपुर जिले के गांवों के लोगों को विस्थापित किया जाना है, जिससे परियोजना के कामों को गति दी जा सके।
इसके लिए सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी है। बांध निर्माण से लेकर परियोजना से जुड़े अन्य कार्यों के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण का कार्यालय भी भोपाल में स्थापित हो गया है। यह जल्द ही विधिवत कार्य प्रारंभ कर देगा। छतरपुर में भी कार्यालय खोेला जाएगा। वहीं, बांध निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित करने की तैयारी की जा रही है।
सिंचाई के लिए तैयार की जा रही कार्ययोजना
केन-बेतवा लिंक परियोेजना से दोनों राज्यों में नौ लाख आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होना है। प्रदेश में सिंचाई के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति की बैठकें हो रही हैं। सलाहकार कंपनी भी नियुक्त की गई हैै, जो यह सुनिश्चित करेगी कि परियोजना के कार्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
हर खेत पानी के लिए एक हजार 706 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
उधर, प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत को पानी) के लिए एक हजार 706 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। इससे प्रदेश में 62 हजार 135 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित की जाएगी। वहीं, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई राज्यों के वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व बैठक में योजना के लिए एक हजार 23 करोड़ रुपये के केंद्रांश का प्रविधान करने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार ने प्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा है। अभी 45 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है।