कोझिकोड। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल कांग्रेस अध्यक्ष के एक अनौपचारिक आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए रविवार को चार दिवसीय मालाबार दौरे की शुरुआत कर दी। उनके दौरे से पार्टी नेताओं के एक वर्ग को झटका लगा है। दरअसल, यूथ कांग्रेस ने कोझिकोड में ‘संघ परिवार और धर्मनिरपेक्षता’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया था, जिसमें थरूर को बुलाया गया था लेकिन अंतिम समय में उन्हें संगोष्ठी से बाहर कर दिया गया था।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यह कहकर चीजों को ठीक करने की कोशिश की है कि थरूर पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। अपने चार दिनों की यात्रा में थरूर लगभग 20 कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिसमें IUML सुप्रीमो पनक्कड़ सैयद सादिकाली शिहाब थंगल के साथ एक बैठक भी शामिल है। कुछ नेताओं ने यह चिंता जताई थी कि थरूर राज्य की राजनीति में एक बड़ी भूमिका का लक्ष्य बना रहे हैं।
जब थरूर से राज्य की राजनीति से साइडलाइन करने के कथित प्रयासों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह हमेशा से ‘सेंटर-फॉरवर्ड’ के रूप में खेलना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, “रेफरी ने हमें न तो कोई लाल कार्ड दिखाया और न ही घटनास्थल पर आए हैं।” कांग्रेस सांसद ने कहा कि फुटबॉल हमें सबक सिखाता है कि राजनीति को भी खेल भावना से ही खेलने की जरूरत है।