रायपुर। मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि गत् दिवस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के माध्यम से प्रदेश में व्याप्त गुणवत्ताविहीन शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों को भावी पीढ़ी के लिए हानिकारक बताते हुए इस दिशा में गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन का सुझाव दिया था। साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा की ओर ठोस उपाय करने की हिदायत शिक्षा जगत को दिया था।
यहां यह बताना उपयुक्त होगा कि कुछ संस्थानों को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थाओं में परीक्षा की तैयारी से ज्यादा विद्यार्थियों का प्रयास पेपर देने के बाद ऐनकेनप्रकारेण उनके प्रश्न पत्र कहां और किस जांचकर्ता के पास गए हैं, उसकी जुगाड़ में रहते हैं। जिसमें वह सफल भी रहते हैं। इस प्रथा को रोकने के लिए संस्थाओं के गोपनीय विभाग को चुस्त दुरूस्त करने एवं गोपनीयता को बनाए रखने हेतु समुचित कदम उठाना आवश्यक है तभी जाकर गुणवत्ता में सुधार आऐगा तथा हमारे प्रदेश के विद्यार्थी भी दूसरे नामचीन संस्थानों के विद्यार्थियों के समान अपनी काबलियत को उजागर कर अपना व अपने देश की शैक्षणिक गुणवत्ता का मुजाहिरा कर सकेंगे और छत्तीसगढ़ की शिक्षा का स्तर सुधारने विद्यार्थियों को स्वयं भी मेहनत करनी पड़ेगी।