वेटिंग लिस्ट क्लीयर करने रेलवे ने अहम फैसला लिया, गरीब रथ एक्सप्रेस में अब 18 के बदले 20 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनॉमी कोच होंगे

जबलपुर

 रेल प्रशासन ने एक्स्ट्रा यात्री यातायात और वेटिंग लिस्ट क्लीयर करने के उद्देश्य से अहम फैसला लिया है. पश्चिम मध्य रेल से प्रारम्भ/टर्मिनेट होने वाली 12187-88 जबलपुर (Jabalpur) छत्रपति महाराज शिवाजी टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus) जबलपुर गरीब रथ एक्सप्रेस का रेक अब आईसीएफ से एलएचबी में परिवर्तित किया जायेगा. पूर्व में यह गाड़ी 18 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी गरीब रथ कोच के साथ संचालित होती थी. बदलाव के बाद 20 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनोमी कोच के साथ चलेगी.

त्यौहारी सीजन पर उत्तर भारत की ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ती है. यात्रियों के लिए ट्रेन का टिकट हासिल करना चुनौती से कम नहीं होता है. छठ दिवाली से पहले ट्रेनों में सीट फुल हो जाती है. उत्तर भारत के लिए चलने वाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट देखने को मिलती है. ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया.

दिवाली और छठ पर रेलवे चलायेगा स्पेशल ट्रेन

दिवाली और छठ पर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जायेगा. स्पेशल ट्रेन पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशनों से भी गुजरेगी. यात्रियों की एक्स्ट्रा भीड़ को कम करने में रेलवे को मदद मिलेगी. यात्री सुविधापूर्वक मंजिल की ओर त्योहार मनाने जा सकेंगे. 01053 साप्ताहिक विशेष बुधवार दिनांक 30 अक्टूबर और 6 नवंबर को एलटीटी मुंबई से 12.15 बजे चलकर अगले दिन 16.05 बजे बनारस पहुंचेगी.

मध्य प्रदेश के यात्रियों को होगा बड़ा फायदा

01054 साप्ताहिक विशेष गुरुवार 31 अक्टूबर और 7 नवंबर को 20.30 बजे बनारस से चलकर अगले दिन 23.55 बजे एलटीटी मुंबई पहुंचेगी. ट्रेन का ठहराव कल्याण, इगतपुरी, नासिक रोड, भुसावल, खंडवा, इटारसी, पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी और वाराणसी रहेगा. रेलवे के फैसले से मध्य प्रदेश में यात्रियों को बड़ा फायदा होगा. इटारसी और हरदा के यात्रियों को सुविधा मिलेगी.

गरीबों को सस्ते में सफर कराने के लिए गरीब रथ

गरीबों को भी सस्ते में एसी क्लास में सफर कराने वाली ट्रेन है गरीब रथ एक्सप्रेस। गरीब रथ की शुरुआत तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने साल 2006 में की थी। इसी ट्रेन में अब अत्याधुनिक जर्मन तकनीक वाले एलएचबी डिब्बे लगाने की तैयारी है। जी हां, रेल मंत्रालय ने इसमें एसी 3 इकोनॉमी कोच लगाने का फैसला किया है। एलएचबी प्लेटफार्म पर बने इन कोचों में 80 बर्थ की व्यवस्था है।

डिब्बे बदलने की आवश्यकता

गरीब रथ में इस समय आईसीएफ कोच लगे हैं। स्टील से बने इन डिब्बों की उम्र करीब 20 साल होती है। गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत साल 2006 से हुई थी। मतलब कि इन डिब्बों को बदलने का वक्त आ गया है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने निर्णय लिया है कि गरीब रथ ट्रेन में अब एलएचबी प्लेटफार्म पर बने एसी 3 इकोनॉमी डिब्बों को लगाया जाए। उल्लेखनीय है कि इस समय देश भर में 26 गरीब रथ ट्रेनें चल रही हैं।
पहले नौ गरीब रथ के बदले जाएंगे डिब्बे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में 9 गरीब रथ ट्रेनों के डिब्बों को बदले जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इसके लिए 50 एसी 3 इकोनॉमी कोच पूवोत्तर रेलवे और 50 नए कोच उत्तर-पश्चिम रेलवे को मुहैया कराने के निर्दश दिए गए हैं। जैसे जैसे नए कोच मिलते जाएंगे, गरीब रथ एक्सप्रेस से पुराने डिब्बों की विदाई होती जाएगी।

डिब्बे नए तो किराया बढ़ जाएगा?

यहां सवाल उठता है कि जब गरीब रथ में नए एलएचबी कोच लगाए जाएंगे तो क्या इस ट्रेन का किराया बढ़ जाएगा। इसके जवाब में रेलवे बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि गरीब रथ एक्सप्रेस के कोच के बदलने के बाद भी पुराने दरों से ही किराया वसूला जाएगा। इस ट्रेन के किराये में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा।

गरीब रथ के पुराने डिब्बों में होती है असुविधा

गरीब रथ एक्सप्रेस के डिब्बों को जब डिजाइन किया गया था, उस समय रेल मंत्रालय का जोर किराया कम रखने पर था। इसलिए इसमें ज्यादा से ज्यादा बर्थ लगाने की कोशिश की गई थी। इसी चक्कर में साइड बर्थ में एक मिडिल बर्थ की व्यवस्था की गई थी। इस मिडिल बर्थ का यात्रियों ने खूब विरोध किया था। लेकिन अभी भी गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन से इसे हटाया नहीं गया है। अब जब इसमें नए डिब्बे लगाने की कोशिश हो रही है तो यात्रियों को साइड मिडिल बर्थ से छुटकारा मिल जाएगा।

 

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