नई दिल्ली
दिल्ली एनसीआर में बुधवार दोपहर एक बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के करूर इलाके में था। जिसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई है। बता दें कि दिल्ली-नोएडा के लोगों को भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। कुछ लोग जो ऑफिस में बैठे थे उन्हें काम करते हुए कुर्सी के हिलने का एहसास हुआ।
फिलहाल भारत, पाकिस्तान या अफगानिस्तान समेत कहीं से भी किसी तरह के जान या माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है। इस भूकंप के झटके दिल्ली, पश्चिम यूपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पंजाब समेत कई राज्यों में महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी के अनुसार भूकंप आने का समय 12:58 मिनट दर्ज किया गया है। सेंटर फॉर सेसमोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6 से कम रहे तो ज्यादा खतरा नहीं रहता है। लेकिन इस भूकंप का केंद्र जमीन से ज्यादा नीचे नहीं था, ऐसे में यह खतरनाक भी हो सकता था। फिर भी अब तक कहीं से भी जान या माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि भूकंप की तीव्रता 5.8 नहीं बल्कि 5.4 थी। इसका असर पाकिस्तानी पंजाब के ज्यादातर शहरों में दिखा है। इनमें मियांवाली, खानेवाल, टोबा टेक सिंह, गुजरात, सरगोधा और झांग शामिल हैं। इसके अलावा राजधानी इस्लामाबाद, मुल्तान और लाहौर में भी भूकंप के झटके लगे हैं। वहीं खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर के अलावा स्वात घाटी, उत्तरी वजीरिस्तान आदि भी भूकंप आया है। बता दें कि 29 अगस्त को भी भूकंप आया था, जिसका केंद्र अफगानिस्तान में पाया गया था।
कहां- कहां पर हिली धरती
पाकिस्तान में आए भूकंप के झटके देश के कई राज्यों में महसूस किए गए। बता दें कि दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर में भी लोगों को धरती के हिलने का आभास हुआ। बता दें कि बीते दो हफ्तों में ये दूसरी बार है जब दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
– 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है.
– 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
– 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
– 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
– 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
– 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
– 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
– 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
– 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.