शिमला
हिमाचल प्रेदश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद को लेकर चल रहा हिंदू संगठनों का प्रोटेस्ट थमने का नाम नहीं ले रहा है. संजौली में आज विरोध-प्रदर्शन के लिए बड़ी तादाद में जमा हुए हिंदू संगठन के लोगों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है. प्रदर्शनकारी अब मस्जिद की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है, जो प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश में लगा हुआ है. बैरिकेड तोड़ने के बाद आगे बढ़ रही भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है.
इस मुद्दे पर कांग्रेस के सीनियर नेता और हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान भी आया है. उन्होंने कहा है कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन कोई ऐसी स्थिति न बने जिससे प्रदेश की शांति खराब हो. प्रदेश का लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने नहीं दिया जा सकता है. पूरा मामला कोर्ट में है. अगर वो जगह अवैध पाई गई तो कार्रवाई होगी और कानून के तहत उसको ढाहाया जाएगा.
प्रदर्शनकारियों के चलते पुलिस ने आवाजाही की थी बंद
संजौली के मुख्य प्रवेश द्वारों को पैदल व वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। ढली सब्जी मंडी के पास भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे हैं। इन्हें संजौली मस्जिद की ओर बढ़ने से रोकने के लिए ढली टनल के दोनों छोरों पर आवाजाही बंद कर दी गई है। इसके साथ ही अपने समर्थकों संग संजौली पहुंचे हिंदू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
मस्जिद को सील करके प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा
कमल गौतम ने कहा कि हिंदू समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके समर्थन में संजौली पहुंचा हूं। वे बोले कि हिंदूओं की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। सिविल सोसायटी के बैनर तले कुछ लोग संजौली पहुंचकर नारेबाजी करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। हालात काबू में रखने के लिए पुलिस के दंगा नियंत्रक वाहनों को भी संजौली में तैनात किया गया है। जिला पुलिस ने प्रदेश की सभी छह बटालियन को संजौली में तैनात किया है। मस्जिद स्थल को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
संजौली में धारा 163 लागू,धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक
संजौली में पुलिस बल के साथ मौजूद शिमला के एसपी संजीव गांधी ने किसी तरह की तनावपूर्ण स्थिति से इंकार किया था। उनका कहना था कि हालात सामान्य हैं और रोजमर्रा के काम अन्य दिनों की तरह हो रहे हैं। मगर देखते ही देखते भीड़ उग्र हो गई। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। इसके जवाब में गुस्साई भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली क्षेत्र में धारा 163 लागू है। बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लागों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
संजौली में धारा 163 लागू,धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक
संजौली में पुलिस बल के साथ मौजूद शिमला के एसपी संजीव गांधी ने किसी तरह की तनावपूर्ण स्थिति से इंकार किया था। उनका कहना था कि हालात सामान्य हैं और रोजमर्रा के काम अन्य दिनों की तरह हो रहे हैं। मगर देखते ही देखते भीड़ उग्र हो गई। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। इसके जवाब में गुस्साई भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली क्षेत्र में धारा 163 लागू है। बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लागों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ना चाहिए मुद्दा
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह अवैध निर्माण का मुद्दा है, इसे मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ना चाहिए. नरेश चौहान ने कहा है कि लोगों ने इस मुद्दे को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है.
नरेश चौहन ने कहा,'आज के लिए जो आह्वान किया गया था, उसके लिए प्रशासन और पुलिस पूरी तरह तैयार है, ताकि शांति बनी रहे. हमने पहले ही धारा 163 लगा दी है.' बता दें कि हिंदू संगठनों की मांग है कि मस्जिद का अवैध निर्माण तुड़वाया जाए. बीते दिन मल्याणा में दोनों समुदायों के बीच हुई लड़ाई के बाद यह मामला भड़क उठा था.
यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश की सियासत में भी छाया हुआ है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था,'संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं. मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है. पहले एक मंजिल बनाई, फिर बिना परमिशन के बाकी मंजिलें बनाई गईं. 5 मंजिल की मस्जिद बना दी गई है. प्रशासन से यह सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण का बिजली-पानी क्यों नहीं काटा गया?'
ओवैसी ने साधा था कांग्रेस पर निशाना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया था. ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा था, 'क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की 'मोहब्बत की दुकान' में नफरत ही नफरत है.'