पटना
नीतीश कुमार और राबड़ी देवी की सरकारों में मंत्री रहे श्याम रजक ने लालू यादव की पार्टी राजद को छोड़कर दूसरी बार जेडीयू का दामन थाम लिया है। पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में उन्होंने जदयू के सदस्यता ग्रहण की। पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के मौजूदगी में उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। 2020 के विधानसभा चुनाव के समय श्याम रजक जेडीयू छोड़कर आरजेडी में चले गए थे। कुछ दिन पहले उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा दे दिया था। तभी से कयास लगाए जा सकते थे कि श्याम रजक फिर से नीतीश खेमे में आकर राजनीति करेंगे। यह अभी माना जा रहा है कि पटना के फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र से वह चुनाव लड़ेंगे। श्याम रजक फुलवारी शरीफ से पांच बार विधायक रह चुके हैं।
इस मौके पर श्याम रजक ने कहा कि भावावेश में आकर जदयू छोड़ दिया था। लेकिन चार सालों से लगातार घुटन में जीता रहा क्योंकि वहां एक ही परिवार की बात चलती है। व्यक्तिगत टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि वहां अपमानित किया जाता था। उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। कहा कि बिहार के सभी इलाकों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में काफी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि वहां रहते हुए भी फुलवारी शरीफ की जनता चिंता लगी रही क्योंकि उनका बहुत प्यार और समर्थन मिला। कहा कि नीतीश कुमार के साथ काम करने का मौका सौभाग्य की बात है।
इस मौके पर संजय झा ने कहा कि श्याम रजक पार्टी के पुराने आदमी हैं। नीतीश कुमार भी इन्हें बहुत मानते हैं। नीतीश कुमार दलित और महादलित समाज के लोगों को बहुत सम्मान देते हैं। यहां इन्हें काम करने का मौका मिलेगा।
लालू यादव के बेहद खास माने जाने वाले श्याम रजक 1995 में पहली बार फुलवारी शरीफ से विधायक बने।उन्होंने लंबे समय तक लालू यादव का साथ निभाया। उनकी छवि एक समर्थ दलित नेता के रूप में की जाती है। बिहार में जब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं थी तो लालू के आदेश पर श्याम रजक को मंत्री बनाया गया। लेकिन 2005 में नीतीश कुमार सत्ता में आ गए। उसके बाद लालू से उनका मोह भंग होने लगा। जून 2009 में आरजेडी को छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए। उस समय वह आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव थे। नीतीश कुमार ने भी श्याम रजक को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का मंत्री बनाया।