रांची.
झारखंड में सत्ताधारी दल- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को एक और बड़ा झटका लगा है। चंपई सोरेन के बाद अब लोबिन हेम्ब्रम ने भाजपा का हाथ थाम लिया है। बता दें, हाल ही में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विधायक लोबिन हेम्ब्रम को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। लोबिन के अलावा पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
कोड़ा पर मुख्यमंत्री रहते हुए कोयला खदानों की नीलामी के जरिये 4000 करोड़ के घोटाले का आरोप है। उन्हें 30 नवंबर, 2009 को गिरफ्तार किया था।
हेम्ब्रम का आरोप- सीएम हेमंत ने पिता के आदर्शों से किनारा किया
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से निष्कासित नेता लोबिन हेम्ब्रम के पार्टी में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ मंच साझा किया। भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले का बचाव करते हुए हेम्ब्रम ने संवाददाताओं से कहा, आज चंपई सोरेन हमारे साथ हैं। हमने शुरू से ही झामुमो को और आगे ले जाने का संकल्प लिया। हमें बहुत उम्मीद थी। हमने (मुख्यमंत्री) पर भरोसा किया था। हमारे साथ पूरे झारखंड ने उन पर विश्वास किया था, लेकिन आज का झामुमो वह नहीं है, जो शिबू सोरेन (झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री) के समय हुआ करता था।
कल चंपई सोरेन ने दिया था झामुमो से इस्तीफा
गौरतलब है, 30 अगस्त को चंपई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा देने के बाद आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। सोरेन बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ यहां आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। केंद्रीय मंत्री सिंह ने 'टाइगर जिंदा है' कहते हुए पार्टी में उनका स्वागत किया था। इस मौके पर वरिष्ठ आदिवासी नेता (67) भावुक नजर आए। दरअसल, सोरेन झारखंड में 'कोल्हान टाइगर' के नाम से भी मशहूर हैं।
झारखंड में विपक्ष के निशाने पर है सत्ताधारी झामुमो
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था, जब दिल्ली और कोलकाता में झारखंड सरकार की ओर से मेरी जासूसी की गई, तो भाजपा में शामिल होने का मेरा संकल्प मजबूत हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा आदिवासियों की पहचान बचा सकती है और झारखंड के संथाल परगना में घुसपैठ रोक सकती है। चंपई सोरेन ने यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस ने आदिवासी पहचान को खतरे में डाल दिया है, उन्होंने कहा था, मैं लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैंने झामुमो को अपने खून-पसीने से सींचा, लेकिन मुझे अपमानित किया गया। मैं भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर हूं। मुझे अब दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सदस्य होने पर गर्व है। मैं अपमान और जासूसी बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं था।