भारत का पहला दोबारा इस्तेमाल होने वाला हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 लॉन्च, क्या है खासियत?

 नई दिल्ली

देश का पहला रीयूजेबल हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है. लॉन्चिंग आज यानी 24 अगस्त की सुबह चेन्नई के तट से की गई. लॉन्चिंग के लिए मोबाइल लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है. यानी इस रॉकेट को कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है. इस रॉकेट को बनाया है स्पेस जोन इंडिया और मार्टिन ग्रुप ने मिलकर.

इस रॉकेट में 3 क्यूब सैटेलाइट्स और 50 PICO सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए हैं. जो एक सब-ऑर्बिटल ट्रैजेक्टरी में छोड़े गए हैं. ये सैटेलाइट्स ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की स्टडी करके डेटा भेजेंगे. रूमी-1 रॉकेट में जेनेरिक-फ्यूल आधारित हाइब्रिड मोटर और इलेक्ट्रिकली ट्रिगर्ड पैराशूट डेप्लॉयर लगा है.

यानी सैटेलाइट को छोड़ने के बाद रॉकेट पैराशूट की मदद से वापस नीचे आ जाएगा. इसमें पाइरोटेक्निक का इस्तेमाल नहीं किया गया है. RHUMI रॉकेट मिशन को पूरा किया है आनंद मेगालिंगम ने. आनंद स्पेस जोन कंपनी के संस्थापक है. उन्होंने इस रॉकेट को बनाने और पूरे मिशन के लिए इसरो सैटेलाइट सेंटर के पूर्व डायरेक्टर डॉ. एम. अन्नादुरई से गाइडेंस ली है.

रूमी-1 रॉकेट में लिक्विड और सॉलिड फ्यूल प्रोपेलेंट सिस्टम है. ताकि ऑपरेशनल लागत कम हो जाए और क्षमता बढ़ जाए. स्पेस जोन इंडिया एक एयरो-टेक्नोलॉजी कंपनी है. यह कम कीमत में स्पेस इंडस्ट्री को सही तकनीक और सुविधाएं प्रदान करना चाहती है. RHUMI-1 रॉकेट कुल मिलाकर 80 किलोग्राम का है. इसका 70 फीसदी हिस्सा दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

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