प्रतिष्ठान में लगे साइन बोर्ड में जीएसटी नंबर लिखा होना चाहिए

रायपुर

जीएसटी विभाग द्वारा फर्जी फर्मों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया है। 16 अगस्त से शुरू हुआ यह अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा। जीएसटी अफसरों का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फर्मों पर कार्रवाई करना है। अभी भी विभाग के पास फर्जी फर्मों की बहुत सी शिकायतें आ रही है।

मालूम हो कि इससे पहले भी मई 2023 में भी जीएसटी चोरों के खिलाफ दो माह का विशेष अभियान शुरू किया गया था। जीएसटी अफसरों का कहना है कि इस अभियान के दौरान जिन प्रतिष्ठानों में आवश्यक दस्तावेज नहीं मिले, उनके खिलाफ टैक्स व जुर्माना दोनों हो सकता है। प्रतिष्ठान के बाहर ही साइन बोर्ड में जीएसटी नंबर नहीं दिखा तो 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इस वर्ष केंद्रीय जीएसटी द्वारा फर्जी फर्मों के खिलाफ शुरू से ही कार्रवाई की जा रही है और इन आठ महीनों में फर्जी फर्मों के द्वारा आइटीसी का लाभ लेने वाले करीब 18 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही लगभग 350 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी भी पकड़ी जा चुकी है। केंद्रीय जीएसटी द्वारा प्रदेश में बीते सात वर्ष में 75 हजार करोड़ से ज्यादा की जीएसटी वसूली जा चुकी है।

संस्थान में इन चीजों को रखना अनिवार्य

    प्रतिष्ठान में लगे साइन बोर्ड में जीएसटी नंबर लिखा होना चाहिए।
    जीएसटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए, डिस्प्ले होना चाहिए।
    जीएसटी रजिस्ट्रेशन के समय लगने वाले सभी प्रूफ होने चाहिए।
    जीएसटी रिटर्न पेंडिंग न हो, जो भी खरीद-बिक्री हो उसकी भी फाइल बनाएं।
    अपने मुख्य प्रतिष्ठान के साथ ही कोई गोडाउन भी हो तो उसे भी रजिस्ट्रेशन करें।

कहीं भी हो सकती है जांच

जीएसटी अफसरों की यह जांच किसी भी प्रतिष्ठान में हो सकती है। हालांकि यह विशेष अभियान फर्जी फर्मों के खिलाफ चलाया जा रहा है कि लेकिन इस अभियान के दौरान जीएसटी अधिकारी अन्य प्रतिष्ठानों पर भी जांच के लिए जा सकते है। इसलिए व्यापारियों को चाहिए कि वे अपने प्रतिष्ठानों में जीएसटी से संबंधित कागजात जरूर रखें।

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