बिहार-बेतिया में पूर्व मुखिया को दौड़ा-दौड़ा कर मारीं गोलियां

बेतिया.

बेतिया में बेखौफ अपराधियों ने मुखिया को गोलियों से छलनी कर दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। घटना बानुछापर थाना क्षेत्र के रेलवे गुमटी के पास की है। मृतक महना गनी पंचायत के पारस पकड़ी गांव निवासी पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह थे। अपराधियों ने उन्हें 19 गोलियां मारी हैं। हालांकि आननफानन मे स्थानीय लोगों ने पूर्व मुखिया को इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया में भर्ती कराया, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

घटना के संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि जितेंद्र सिंह बेतिया से अपने घर बानूछापर जा रहे थे। उनका पुराना घर महना गनी पंचायत के पारस पकड़ी गांव मे है।हालांकि वे बानूछापर में भी अपना घर बनाए हुए हैं। तभी पहले से घात लगाए अपराधियों ने उनके बाइक को रेलवे गुमटी के पास रोक दिया और कनपटी पर हथियार तान  दिया। जितेंद्र सिंह बाइक छोड़कर भागने लगे, लेकिन अपराधी उनके पीछे दौड़ गये। जीतेन्द्र सिंह भागते रहे और अपराधी उन पर पीछे से फायरिंग करते रहे। इस तरह अपराधियों ने उन्हें रेलवे गुमटी के पास ही गोलियों से छलनी कर दिया। हालांकि मृतक कुछ दूर भागते हुए लोगों से बचाने की गुहार लगाते रहे। इस बीच रास्ते से गुजर रहे एक व्यक्ति ने उनको देखकर घटना की सूचना पुलिस को दी, लेकिन तबतक घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। अपराधियों ने मुखिया को उन्नीस गोली मारी है, जिससे इलाके में सनसनी फैली हुई है।

दो वर्ष पहले बेटे पर भी हुआ था हमला
मृतक जितेंद्र सिंह पिछले दो बार महना गनी पंचायत के मुखिया रह चुके हैं। बेतिया बस स्टैंड में उनकी बस भी चलती है। वह ठेकेदारी भी करते थे। लगभग दो 2 वर्ष पहले टेंडर को लेकर उनके बेटे को भी अपराधियों ने चाकू गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अब पुलिस मामले को लेकर जांच पड़ताल कर रही है। घटना की जानकारी मिलते ही बेतिया एसपी अमरकेश डी घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर सदर एसडीपीओ विवेक दीप, मुफस्सिल थानाध्यक्ष अभिराम सिंह, बानुछापर थाना प्रभारी संतोष कुमार, टेक्निकल सेल प्रभारी ज्वाला सिंह समेत कई थानों की पुलिस भी पहुंची। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची है, जो मामले की जांच कर रही है। घटना के संबंध में सदर एसडीपीओ विवेक दीप ने बताया कि गोली लगने से महना गनी पंचायत के पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही   है। पुलिस हर एक बिंदु पर गहनता से जांच पड़ताल कर रही है।

परिजनों और रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार
 सोमवार की रात अस्पताल में शव पहुँचने के बाद परिजनों और मृतक के रिश्तेदारों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया।  उनका कहना था कि पहले अपराधियों की गिरफ्तारी हो फिर पोस्टमार्टम होगा। हालांकि एसडीपीओ विवेक दीप के समझाने के बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाया। वहीं अस्पताल परिसर में 2:00 बजे रात तक काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। परिजनों का कहना था कि इससे पहले जितेंद्र के बेटे पर भी चाकू से हमला हुआ था। अगर पुलिस कार्रवाई की होती तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता। घटना के बाद परिजनों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश था।

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