वाशिंगटन
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में भारी सुस्ती आई है और बीजिंग के सामने दो रास्ते हैं-या तो वह अपने पड़ोसियों के खिलाफ आक्रामकता जारी रखे या फिर आक्रामकता कम करे और अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार लाए।
भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘वास्तव में चीन अपनी अर्थव्यवस्था में इस कदर सुस्ती का सामना कर रहा है कि कुछ क्षेत्रों में अपस्फीति (वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य के स्तर में गिरावट) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उपभोक्ता विश्वास खत्म हो गया है। आप दशकों तक एक-संतान नीति पर अमल करने वाले देश में 25 प्रतिशत से अधिक युवा बेरोजगारी देख रहे हैं। यह बहुत ही खराब आंकड़ा है।’’
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘इससे खास तौर पर प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर कर्ज बढ़ गया है। साथ ही लोगों की कुल संपत्ति में काफी गिरावट आई है। ऐसे में शी चिनफिंग देश को गंभीर आर्थिक संकट में घिरा पा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि चिनफिंग के पास दो विकल्प हैं, ‘‘या तो वह वर्तमान रुख पर कायम रहें जो आर्थिक आक्रामकता को बढ़ावा दे रहा है, पड़ोसियों के प्रति तकनीकी और सैन्य आक्रामकता को बढ़ावा दे रहा है, चीन में अर्थव्यवस्था और जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों पर नियंत्रण बढ़ा रहा है या फिर वह दूसरा रास्ता अपना सकते हैं।’’
अमेरिकी सांसद ने कहा, ‘‘दूसरा रास्ता है आक्रामता को कम करना, नियंत्रण कम करना, उद्यमशीलता को फिर से पनपने देना। साथ ही जब वह अपनी आक्रामकता को कम करता है तो उसे अमेरिका सहित अन्य देशों के कदमों के जवाब में करने वाले उपाय भी कम करने होते हैं। इससे विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा।’’