इंदौर को अब भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए शुरू होगा तीसरा चरण

इंदौर

 मध्य प्रदेश का शहर इंदौर, जो सफाई के लिए पूरे देश में विख्यात है। अब भिखारी मुक्त शहर की पहल करने जा रहा है। प्रशासन ने इसके लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है, जिसके तहत भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। यह नया नियम 1 जनवरी से लागू होगा।

इंदौर में जल्द ही भिखारियों को पैसे देना दंडनीय अपराध होगा। 1 जनवरी 2025 से पुलिस भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। इस नियम के पीछे शहर में भीख मांगने की प्रथा को खत्म करने का मकसद है। फिलहाल, इस बदलाव के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

भिक्षुक मुक्त शहर बनाने का चलेगा अभियान
नए साल से इंदौर में भीख मांगने और भीख देने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। स्वच्छ शहर इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए जारी अभियान में एक जनवरी से तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। इसमें भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहित कर भीख देने वालों पर कार्रवाई शुरू होगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षा देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के आदेश पूर्व में जारी किए जा चुके है।

34 बाल भिक्षुकों को रेस्क्यू किया गया
तीन चरणो में शुरू हुए अभियान का दूसरा चरण रेस्क्यू किया जा रहा है। इसमें अब तक तीन सौ से अधिक बुजुर्गो और व्यस्कों का रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा जा चुका है। वहीं 34 बाल भिक्षुकों को रेस्क्यू भी किया गया है। कलेक्टर ने अब तीसरे चरण का अभियान शुरू करने के निर्देश दिए है।

गौरतलब है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के दस शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।इसमें इंदौर को भी शामिल किया गया है। इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए सात विभागों को शामिल कर दल नियुक्त किए गए है। इनके द्वारा शहर में सतत कार्रवाई की जा रही है।

इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। इसे लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने शहरवासियों से अपील की है कि वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। इसी के साथ उन्होंने पिछले आदेश का हवाला देते हुए कहा कि शहर में भिक्षा देने को भी प्रतिबंधित किया था।अब इस महीने के अंत तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और माह के अंत में आदेश फिर जारी किया जाएगा। इसके बाद भिक्षा देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि अब अगर नए साल में एक जनवरी से कोई व्यक्ति किसी भिखारी को भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ़  एफआईआर की जाएगी।

प्रशासन चला रहा है जागरूकता अभियान

बता दें कि काफी समय से शहर में ये अभियान चलाया जा रहा है और पिछले दिनों इसी सिलसिले में कुछ भिखारियों को पकड़ा भी गया था। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि उनके पास कुछ ऐसे केस भी आए हैं जहां भीख में मिलने वाले पैसों का उपयोग ड्रग्स के लिए किया जाता था। वहीं कुछ ऐसे परिवार सामने आए जहां बड़े बुजुर्गों से कोर्स करके भिक्षावृत्ति कराई जाती है। आसपास के कुछ गाँव और राजस्थान से गैंग भीख मांगने के धंधे को ऑपरेट करती है। कलेक्टर ने बताया कि वहां से बस भरकर लोग आते हैं और यहां भिक्षावृत्ति करते हैं। इस तरह ये सामाजिक बुराई अब एक धंधे में भी बदलती जा रही है और प्रशासन ने इसे समाप्त करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत अब भीख मांगने वालों पर तो प्रशासन की नजरें रहेंगी ही, लेकिन अगर कोई भीख देते हुए पाया गया तो उसपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *