स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मशरूम बेचकर कमाये 14 हजार रूपये

कांकेर। गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाने में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है तथा गौठानों में मल्टी एक्टिविटी के तहत् मुर्गी, बकरी, सुकर, मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट, साग-सब्जी उत्पादन जैसे अन्य गतिविधियां संचालित हो रही। ऐसे ही एक गतिविधि हैं एकीकृत राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन।
विकासखण्ड कांकेर के गांधीग्राम कुलगांव के गौठान में एकीकृत राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन अंतर्गत मशरूम एवं स्पान उत्पादन इकाई का निमार्ण किया गया है। इस इकाई का क्रियान्वयन लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं द्वारा किया जा रहा हैं। ग्रामीण परिवेश की महिलाएं पहले कुछ ही चीजों में सीमित थी अब गौठान के माध्यम से मशरुम का उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रही हैं। स्व सहायता समूह द्वारा अब तक 70 किलोग्राम मशरूम उत्पादन किया गया है, जिसको बेचकर 14 हज़ार रुपए की आमदनी प्राप्त हुई हैं।
समूह की महिलाआेंं ने बताया कि सबसे पहले उद्यानिकी विभाग द्वारा हमे प्रशिक्षण देकर मशरूम उत्पादन कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। मशरूम उत्पादन को बढ़ाने के लिए स्पॉन उत्पादन ईकाई से उत्पादन कर स्वयं की आमनदी बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। स्व-सहायता की महिलाएं रूचि दिखाते हुए गांधीग्राम कुलगांव के गौठान में अधिक मात्रा में मशरूम उत्पादन का कार्य करने के लिए संकल्पित है।

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