राष्ट्रमंडल खेलों में 600 करोड़ के मामले पर घोटाला करने वालों पर चलेगा मुकदमा

साल 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन भारत में हुआ था। इस दौरान 600 करोड़ का घोटाला हुआ था। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 11 साल बाद मुकदमा शुरू हो रहा है।
2010 राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटाले के मामले में एक दशक बाद सुनवाई शुरू होगी। दिल्ली में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कई तरह के प्रबंध करने के दौरान अनियमितताएं बरती गई थीं और 600 करोड़ का घोटाला हुआ था। इस मामले पर प्राथमिकी दर्ज होने के लगभग 11 साल बाद सुनवाई हो रही है। अधिकारियों ने बताया है कि आयोजन समिति के पूर्व सदस्यों और अन्य के खिलाफ मुकदमा अगले महीने शुरू होगा।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 25 जनवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है, जिसे एजेंसी ने प्रस्तुत किया था। इसमें आयोजन समिति के सदस्य ए.के. सक्सेना, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरजीत लाल और के उदय कुमार रेड्डी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।
मामला राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सामान की आपूर्ति से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर अत्यधिक दरों पर खरीदा और किराए पर लिया गया था। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ था।
एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में जीएल मेरोफॉर्म के तत्कालीन निदेशक बीनू नानू, वायुसेना के पूर्व कप्तान और आपूर्तिकर्ता प्रवीण बख्शी और कम्फर्ट नेट ट्रेडर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप वाधवा को भी आरोपी बनाया है।
वाधवा कथित रूप से प्राथमिकी में नामित नुस्ली इंडिया लिमिटेड से जुड़ा हुआ है, जिसे राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित विभिन्न राष्ट्रमंडल खेलों, 2010 के लिए टेंट, केबिन आदि की आपूर्ति के लिए लगभग 140 करोड़ रुपये का ठेका मिला था।

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