कूनो में चीतों को संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगाया जा रहे

श्योपुर
 मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रह रहे चीतों पर बारिश से संक्रमण का खतरा मंडरा गया है। इसको देखते हुए संक्रमण से बचाने के लिए इस बार कूनो प्रबंधन द्वारा चीतों को एंटी डाट लगाए जा रहे हैं।

यह डाट 13 शावकों को छोड़कर वयस्क चीतों को लगाए जाएंगे। कूनो के डीएफओ थिरुकुराल आर ने बताया कि अब तक छह चीतों को एंटी डाट लगा दिए गए हैं। जल्दी ही सभी चीतों को यह एंटी डाट लगा दिया जाएगा।

पिछले साल भी फैला था संक्रमण

पिछले साल बारिश के मौसम में चीतों में संक्रमण फैल गया था। इससे दो चीतों तेजस और सूरज की मौत भी हो गई थी। दोनों ही चीतों के गले में वर्षा की वजह से फैले संक्रमण से घाव हो गए थे। इसके बाद सभी चीतों को पार्क प्रबंधन ने बाड़े में बंद कर दिया था।

इस बार अब बारिश का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए चीतों को एंटी डाट लगाने का काम किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से भारत के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को संक्रमण से बचाने के लिए एंटी एक्टो पैरासाइट दवा मिली है।
13 शावक बाड़े में ही रहेंगे

कूनो पार्क प्रबंधन की मानें तो 13 शावक बाड़े में ही रहेंगे, इसीलिए उनको कालर आईडी नहीं पहनाई जाएगी। इससे उनमें यह संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है, फिलहाल उनमें यह डाट नहीं लगाए जाएंगे। वर्षा में होने वाले संक्रमण से चीतों को बचाने के लिए एंटी डाट लगाना शुरू कर दिया है। सभी वयस्क चीतों को यह डाट लगाया जा रहा है।

यह है संक्रमण फैलने का कारण

वर्षा के मौसम में चीतों में संक्रमण के कारण को लेकर कई विशेषज्ञों को संदेह था कि रेडियो कालर से संक्रमण हुआ है, लेकिन बाद में स्थिति साफ हो गई। जुलाई, अगस्त में बारिश वाले दिन होते हैं। प्रतिकूल मौसम और बारिश के कारण चीतों के मोटे बालों में नमी आ जाती है।

चीतों ने राहत के लिए शरीर को रगड़ा और इस प्रक्रिया के कारण खुद को घायल कर लिया। जैसे ही घाव से खून बहने लगा तो मक्खियों ने उनमें अंडे दिए और फिर कीड़े पड़ गए, जिससे चीतों की मौत हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *