पूरे सप्ताह रुठे रहे बदरा

ग्वालियर। बंगाल की खाड़ी से लेकर हिमालय तक अब कोई बड़ा सक्रिय सिस्टम विद्यमान नहीं होने से फिलहाल ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में अच्छी बरसात होने के आसार नहीं हैं। साथ ही पूरे सप्ताह इसी तरह की स्थिति बरकरार रहने के चलते तापमान में जारी बढ़ोतरी परेशान कर सकती है। हालांकि नए सप्ताह में कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।
वर्तमान मौसम परिस्थितियों के चलते समूचे अंचल में मानसून का असर काफी कमजोर हो गया है। ऐसी हालातों में अब पारे में उछाल आने लगा है, जिससे दिन के साथ-साथ रात के तापमान में भी वृद्धि होने लगी है। इस कारण मौसम के ऐसे तेवरों के जारी रहते गर्मी और उमस बढ़ने से यह लोगों की परेशानी का सबब बनने लगा है। साथ ही मौजूदा मौसम परिस्थितियां स्वास्थ्य के लिहाज से भी हानिकारकर साबित हो रही हैं।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 घंटे के दौरान दक्षिण मध्यप्रदेश में अधिकांश स्थानों के अनेक स्थानों पर मामूली वर्षा के साथ कहीं-कहीं वर्षा, तो कु छ स्थानों पर आकाशीय बिजली और वज्रध्वनि के साथ वाली आंधी की संभावना है। इस दौरान मध्यप्रदेश के शेष हिस्सों में कहीं-कहीं से कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं। वहीं ग्वालियर-चंबल अंचल सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश में मौसम सूखा रह सकता है अथवा कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम पूर्वानुमान
2 से 5 सितंबर तक मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं से कुछ स्थानों पर वर्षा गतिविधियां बनी रहने की संभावना।
5 से 7 सितंबर के दौरान प्रदेश में अधिकांश स्थानों से अनेक स्थानों पर वर्षा गतिविधियों की संभावना है।
मौजूदा मौसम परिस्थितियां
हिमालय की तलहटी के करीब औसत समुद्र के स्तर पर मानसून की ट्रफ जारी है।
एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण तमिलनाडु एवं आसपास के क्षेत्रों एवं निचले क्षोभमंडल स्तरों में बना हुआ है।
चक्रवाती परिसंचरण अब दक्षिण तमिलनाडु एवं आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है और औसत समुद्र तल से 1.5 किमी तक फैला हुआ है।
दक्षिण तमिलनाडु और आस-पास के क्षेत्रों पर बने उपरोक्त चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से मध्य मध्य प्रदेश में निचले क्षोभमंडल स्तर पर एक ट्रफ रेखा चलायमान है।

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