0 शराबियों का अड्डा बना गोकुल नगर का गोधन खरीदी केंद्र
(संजय दुबे)
रायपुर। राज्य सरकार की सर्वाधिक महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक गोधन योजना राजधानी में ही लड़खड़ाने लगी है। यह वो योजना है जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष दिलचस्पी है, बाबजूद इसके मैदानी अमला योजना के सही क्रियान्वयन को लेकर गम्भीर नहीं है।
रायपुर के गोकुल नगर में कान्हा महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से गोधन खरीदी केंद्र संचालित है। करीब ढाई एकड़ रकबे में फैले इस केंद्र में समस्याओं और अव्यवस्थाओं का अंबार है। यहाँ के डेयरी संचालकों की शिकायत रहती है कि उनसे पूरा गोबर नहीं खरीदा जाता। कभी भी खरीदी बन्द कर दी जाती है और भुगतान में भी काफी समय लग जाता है। स्व सहायता समूह की कुछ महिलाएं बताती हैं कि निगम के कर्मचारियों का दबाव रहता है कि गौ-पालकों से ज्यादा गोबर न खरीदा जाए।
दूसरी ओर, इस गोधन खरीदी केंद्र के सहायक नोडल अधिकारी मनकूराम धीवर के मुताबिक वर्मी टांका कम होने से सीमित गोबर खरीदी हो पा रही है। यदि यहां टांकों की संख्या बढ़ाई जाए तभी डेयरी संचालकों का पूरा गोबर खरीदा जा सकता है।
वहीं, स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सीमा सिंह अव्यवस्था की बात को स्वीकारती हैं लेकिन भुगतान एक पखवाड़े में होने की बात कहती हैं। उनका कहना है कि यहां कि अव्यवस्थाओं से लगातार नोडल अधिकारी व जोन आयुक्त को अवगत कराया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आलम यह है कि शासन के निर्देश के बाद भी इस केंद्र पर गौमूत्र खरीदी शुरू नहीं हो पाई, इसकी वजह आवश्यक सुविधाओं व संसाधनों का अभाव है। स्व सहायता समूह निगम के अधिकारियों से बल्ब की व्यवस्था करने और सीसीटीव्ही कैमरा लगाने की भी मांग कर चुका है। लेकिन समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां चोरी की वारदातें हो रही हैं और असामाजिक तत्वों खौफ मंडरा रहा है।
अव्यवस्थाओं पर एक नज़र
* करीब 2 माह तक गोबर खरीदी बन्द रही, कारण बरसात में गोबर रखने की जगह नहीं
* टांकों में भरा पानी, कम्पोस्ट बनाने की जगह नहीं
* शराब दुकान पास में होने व गोधन खरीदी केंद्र में बाउंड्रीवाल नहीं होने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
* सुरक्षा का अभाव, बल्ब तक की व्यवस्था नहीं, रात भर कायम रहता है अंधेरा
* केंद्र में पांच दिन पहले हुई चोरी, दर्जनों बोरी वर्मी कम्पोस्ट गायब
* कम्पोस्ट को छानने वाली मशीन के कई पार्ट्स चोरी
* शासन के निर्देश के बावजूद सुविधाओं के अभाव में अबतक नहीं शुरू हो पाई गौ-मूत्र खरीदी
क्या कहते हैं वरिष्ठ अधिकारी
रायपुर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी के मुताबिक बाउंड्रीवॉल वाले मामले में जमीन को लेकर राजस्व विभाग से समन्वय नहीं हो पाया था लेकिन अब इसका समाधान हो गया है और जल्द ही गोठान की जमीन को पूरा घेर दिया जाएगा। असामाजिक तत्वों से सम्बंधित एक रिपोर्ट निगम ने शासन को भेजी है। गोठान समिति को सशक्त बनाने के लिये हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
रायपुर के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे का कहना है कि गोधन खरीदी केंद्र में जिन अव्यवस्थाओं की जानकारी मिली है, उसका परीक्षण कराकर तत्काल समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके लिये सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे, ताकि गोठानों के संचालन में किसी तरह की दिक्कत न हो।