राजभवन में मना उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस

राजभवन में मना उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस

उत्तराखंड के लोक गीत, संगीत और नृत्य की हुई प्रस्तुतियाँ

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल के निर्देश पर उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस आज राजभवन में गरिमामय एवं भव्यता के साथ समारोह पूर्वक मनाया गया। उत्तराखंड स्थापना दिवस का आयोजन "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" अभियान के तहत किया गया था। समारोह में उत्तराखंड मूल के भोपाल निवासी नागरिकों ने उत्तराखंड के लोक गीत, संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के संदेश, उत्तराखंड एवं मध्यप्रदेश राज्यों की लघु फिल्मों का प्रसारण भी किया गया।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल की ओर से उत्तराखंड मूल के भोपाल निवासियों के संगठन अध्यक्ष नेगी, सुरेश कर्नाट और वरिष्ठ साहित्यकार हिन्दी सेवी कैलाश चंद पंत का सम्मान किया गया। सम्मान राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव ने किया। उन्हें स्मृति प्रतीक एवं चंदेरी हस्तकला का नमूना अंग वस्त्र भेंट किये। कार्यक्रम के अंत में सहभोज भी हुआ।

राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धता और राष्ट्रीय सार्मथ्य में उत्तराखंडवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसीलिए उत्तराखंड को भारत की देव भूमि और वीर भूमि कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी विशिष्टताओं को संजोए हुए हम सब भारतवासी है। यही हमारी पहचान है। इसे मजबूत बनाना हम सबका दायित्व है।

उत्तराखंड मूल के हिन्दी सेवी कैलाशचंद पंत ने कहा कि राजभवन में उत्तराखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक आर्थिक संबंधों की प्रगाढ़ता को बढ़ाने की सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि देश की राजनैतिक व्यवस्था की मजबूती, सामाजिक व्यवस्था के उन्नयन, सांस्कृतिक समृद्धता की वृद्धि और पत्रकारिता के विकास आदि सभी क्षेत्रों में उत्तराखंडवासियों का योगदान विशिष्ट है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडवासी राज्य के बाहर कही भी देश अथवा विदेश में रहे, अपनी यादों को संजोकर रखते है। उनकी निष्ठा और कर्मठता की मिसाल दी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के महू में स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में 1942 में शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत उत्तराखंड निवासी भोला, खेमचंद और विष्णु चंद पंत ने की थी। समारोह को सुरेश कर्नाट एवं नेगी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नियंत्रक हाऊस होल्ड राजभवन श्रीमती शिल्पी दिवाकर ने किया।