प्रदेश में 19 अगस्त से नया सिस्टम एक्टिव होगा,बारिश का अलर्ट जारी

भोपाल। प्रदेश का एक बार फिर मौसम बदलने वाला है। दो दिन बाद 19 अगस्त को मानसून के साथ नया सिस्टम एक्टिव होगा, जो प्रदेशभर में बारिश करवाएगा।एमपी मौसम विभाग (MP Weather Today) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में हवाओं का चक्रवात 18 व 19 अगस्त में फिर बनेगा, जो नमी बढ़ाने से 22 अगस्त तक बारिश कराएगा। मानसून ट्रफ भी अवदाब के क्षेत्र से हाेकर गुजर रहा है, जिसके आगे बढ़ने से गुरुवार काे उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर संभागाें के जिलाें में वर्षा हाेने के आसार हैं।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Update) के अनुसार, वर्तमान में मानसून ट्रफ अवदाब के क्षेत्र से सतना, अंबिकापुर, झारसुगड़ा से हाेकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात और गुजरात के तट से महाराष्ट्र के तट तक एक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है, जिसके कारण अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिल रही है।वही 19 अगस्त काे बंगाल की खाड़ी में एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है, जिसके असर से जबलपुर, शहडाेल संभागाें के जिलाें में बारिश की गतिविधियां फिर तेज हाेने की संभावना है।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Forecast) के अनुसार, 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। इसका असर 20 अगस्त की शाम से दिखाई देगा और 21 अगस्त के बाद इंदौर में अच्छी बारिश होगी। वही पश्चिमी मप्र और पूर्वी मप्र में भी झमाझम बारिश की संभावना है।19 अगस्त से जबलपुर में फिर मानसून सक्रिय होगा और वर्षा होगी।। इसका असर ग्वालियर पर 20 से 23 अगस्त के बीच दिखाई देगा और कहीं भारी तो कहीं मध्यम बारिश देखने को मिलेगा।
19 से 23 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 19 से 23 अगस्त के मध्य भी अधिक वर्षा की संभावना है। प्रदेश में जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें सजग हैं तथा स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की तिथि आगामी दो या तीन दिन में है, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर अस्पतालों और सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए। बांधों में 80 प्रतिशत जल भंडारण का निर्णय लिया गया है, 20 प्रतिशत की गुंजाइश छोड़ी गई है।
सीएम ने दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री चौहान ने लगातार हो रही वर्षा और आगामी दिनों में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए तकनीकी अमले के साथ जल-संरचनाओं का निरीक्षण और उनमें सीपेज आदि की संभावना पर नजर रखी जाए। आगामी कुछ दिनों तक प्रतिदिन बांधों की मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें।जिला प्रशासन बाढ़ राहत के लिए राशन, दवाएँ, नाव, मोटरबोट, गोताखोर, बचाव दल, राहत शिविर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रखें। अतिवृष्टि के प्रबंधन और राहत के लिए सूक्ष्मतम बिन्दुओं पर ध्यान देते हुए विस्तृत कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए।

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