जगदलपुर। कोरोना संक्रमण के चलते विगत तीन वर्षों से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है, अब स्थितियां सामान्य होने के बाद बच्चों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए कोशिशें जारी थी, लेकिन शिक्षकों की हड़ताल, उसके बाद कई त्यौहार और अब बारिश के चलते लगातार छुट्टियां होने से फिर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इधर शिक्षक संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर आगामी 22 अगस्त से फिर आंदोलन करने का मन बनाया है, यदि शिक्षकों का आंदोलन शुरू हो जाता है, तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है, क्योंकि शिक्षकों ने अब अनिश्चित कालीन आंदोलन करने का निर्णय लिया है, सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो फिर बच्चों को नुकसान हो सकता है।
गौरतलब है कि विगत माह जुलाई में नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद बमुश्किल 15 दिन भी स्कूल नहीं लग पाये हैं, जिसमें से 15 जुलाई तक स्कूलों में प्रवेशोत्सव ही मनाते रहे, इसके बाद गोंचा, गुरुपूर्णिमा, बकरीईद, हरियाली अमावस्या और रविवार मिलाकर कुल 10 दिन की छुट्टी रही, वहीं 05 दिन शिक्षक हड़ताल पर रहे।
बच्चों की शिक्षा विगत तीन वर्षों से आईसीयू में है, कोरोना की वजह से दो वर्ष पूरी तरह से स्कूल बंद रहे और पढ़ाई ठप रही। इस दौरान जो बच्चे पहली में भर्ती हुए थे वे अब तीसरी पहुंच गये हैं, लेकिन उन्हें अभी भी अक्षर ज्ञान सहित गिनती तक ठीक से नहीं आती, वहीं अन्य कक्षाओं के बच्चे भी प्रोत्तीर्ण होकर दो कक्षा आगे पहुंच चुके हैं, लेकिन उनका ज्ञान अभी भी तत्कालीन कक्षाओं तक ही है। ऐसे में शिक्षकों के सामने यह चुनौती थी कि स्कूल खुलने के बाद बच्चों की लर्निंग लॉस को पूरा किया जाये, लेकिन इसके लिए भी अवसर नहीं मिल पा रहा है।