इंदौर
रतलाम मंडल का इंदौर रेलवे स्टेशन सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है। स्टेशन से हर दिन 35 हजार से अधिक यात्रियों का आना जाना होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में यात्री बिना टिकट के रेल यात्रा करते हुए पकड़े जाते है। ऐसे यात्रियों पर कार्रवाई करने के लिए रेलवे ने सभी उप मुख्य टिकट इंस्पेक्टर (सीटीआइ) को प्रतिदिन का टारगेट दिया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में रतलाम मंडल की महिला उप मुख्य टिकट इंस्पेक्टर में सबसे ज्यादा राजस्व इंदौर की डिप्टी (सीटीआई) अलका मिश्रा ने दिया है। अलका ने 12 माह में 6 हजार 357 केस बनाएं है, जिससे रेलवे को 33 लाख 99 हजार 585 रुपए का राजस्व मिला है। जिसके चलते रतलाम मंडल ने पहली बार महिला डिप्टी सीटीआई के रूप में अलका को अवार्ड देकर सम्मानित किया है।
इंदौर से प्रतिदिन 45 से अधिक ट्रेनों का आना-जाना होता है। जिसमें 35 हजार से अधिक रेल यात्री सफर करते है। कई बार यात्री बिना टिकट लिए ही प्लेटफार्म और ट्रेन में सवार हो जाते है। ऐसे यात्रियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सीटीआइ की होती है। रतलाम मंडल में 13 टीसी और पांच महिला डिप्टी सीटीआई है।
जिसमें इंदौर में तीन महिला डिप्टी सीटीआई है। डिप्टी सीटीआई अलका मिश्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुझे प्रतिदिन 12 हजार रुपए राजस्व वसूल करने का लक्ष्य मिला था। साल भर में 283 दिन काम किया। जिसमें बिना टिकट यात्रा करने वाले 3 हजार 807 सहित कुल 6 हजार 357 केस बनाएं है। जिससे 33 लाख 99 हजार 585 रुपए का राजस्व मिला। जिसके चलते रतलाम मंडल द्वारा पहली बार महिला डिप्टी सीटीआई श्रेणी में अवार्ड देकर सम्मानित किया है।
आरोप और दबाव भी सहन करना पड़ता है
प्लेटफार्म और ट्रेनों में टिकट चेकिंग के दौरान खासतौर पर महिला टीसी को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो आरपीएफ और जीआरपी की मदद लेना पड़ती है। डिप्टी सीटीआई मिश्रा ने बताया कि महिलाओं के हाेने के नाते काम में दिक्कत आती हैं। लेकिन अफसरों का सहयोग भी मिला है।
ट्रेन में टिकट जांच के दौरान यात्री राजनैतिक दबाव बनाते हैं, बहस करते हैं। कई बार ट्रेन में ही देख लेने की धमकी भी देते है। कई बार यहां वहां से फोन पर बात भी करवाते हैं। कई यात्री टिकट नहीं होने पर बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर भी मैसेज चला देते हैं। लेकिन हम बिना डर अपना काम करते हैं।