GST 5 फीसदी बढ़ा, पर खाद्य सामग्री 20 फीसदी तक महंगी, पटना की मंडियों में चावल-गेहूं की आवक कम

पटना। देश में गैर ब्रांडेड फूड आइटम पर पांच फीसदी जीएसटी की दर लागू होने के बाद खाद्य सामग्री महंगी हो गई है। हालांकि व्यापारियों ने जीएसटी की आड़ में आटा, चावल, दाल, मैदा, सूजी की कीमतें तीन बार बढ़ा दी हैं। इस कारण खाद्यान्न वस्तुओं की कीमतें महीनेभर में ही 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं। पटना की मंडियों में चावल और गेहूं की आवक भी कम है। सप्लाई कम होने की वजह से भी खाद्यान्न के दाम बढ़े हैं।
फूड आइटम्स की कीमतों में पहली बढ़ोतरी जुलाई की शुरुआत में तब हुई थी। उस समय जीएसटी लागू करने की घोषणा हुई थी। दूसरी बार 18 जुलाई को जीएसटी की दरें लागू होने के दिन कीमतें बढ़ीं। तीसरी वृद्धि एक सप्ताह बाद खाद्यान्न की नई खेप के नाम पर की गईं। इस तरह तीन बार में पांच फीसदी की जगह बाजार में खाद्यान्न और उससे बने उत्पाद की कीमतों में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि हो गई। हालांकि, खुदरा कारोबारियों का मानना है कि अब कीमतें स्थिर होकर कम होनी चाहिए।
बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव रमेश तलरेजा के मुताबिक आटा की कीमतें बीते एक माह में पांच रुपये बढ़ी हैं। जीएसटी की घोषणा होने के समय आटा 28 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा था। 5 फीसदी जीएसटी लगने के बाद इसमें 1.40 रुपये ही इजाफा होना चाहिए था। मगर मौजूदा समय बाजार में आटा 33 रुपये किलो मिल रहा है। वहीं, चावल की कीमत में भी पांच रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 35 रुपये किलो मिलने वाला चावल 40 रुपये किलो बिक रहा है।

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