बिलासपुर । डी एल एस महाविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अंतर्गत विभागाध्यक्षा डॉ नेहा बेहार के मार्गदर्शन में चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र रवि साहू द्वारा संपन्न किए गए शोध कार्य ‘संस्थान के कार्बनिक अपशिष्ट से निर्मित वर्मी वाश की गुणवत्ता का परीक्षण’ (Analysis of the qualify of Vermiwash produced from institutional Organic wastes) भारतीय पेटेंट कार्यालय से 15 जुलाई 2022 को पेटेंट प्रकाशित हुआ है । इस सम्बन्ध में सौजन्य मुलाकात में कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने डी एल एस महाविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए प्रोत्साहित किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस), नई दिल्ली के अनुसार वर्तमान परिदृश्य में हमारे देश में वार्षिक मृदा हानि दर लगभग 15.35 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है जिसके परिणामस्वरूप 5.37 से 8.4 मिलियन टन पोषक तत्वों की हानि हुई है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में किए गए मृदा स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, देश की मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस व कार्बनिक कार्बन में क्रमशः 55, 42 और 44 प्रतिशत कमी दर्ज की गयी है। अतः यह मृदा हानि के साथ ही मृदा गुणवत्ता भी वर्तमान में समस्या जनक विषय है। कार्बनिक खाद और वर्मीवाश का समुचित उपयोग उक्त दोनों समस्याओं के समाधान के रूप में दिखाई पड़ रहा है। कार्बनिक खाद और वर्मीवाश का मिश्रण मिट्टी के विकल्प के रूप में मृदा हानि की पूर्ति कर सकता है और वर्मीवाश, मिट्टी की गुणवत्ता वृद्दि में सहायता करता है। वर्मीवाश एक तरल ऑर्गेनिक खाद है जो केंचुए द्वारा उत्सर्जित तरल है जो पौधो की उपज व वृद्धि में सहायक होता है। वैज्ञानिक प्रयोगों के आधार पर यह पौधों एवं फसलों में वृद्धि एवं गुणवत्ता सुधार हेतु लाभकारी सिद्ध हुआ है। इस शोध में सुमित कुमार दुबे (जैवप्रोद्योगिकी विभाग), कृष्णा कुमार वर्मा (सूक्ष्मजीव विभाग) और अपूर्वा तिवारी (समाज-शास्त्र विभाग) भी सहयोगी रहे। डॉ. दिनेश पाण्डेय (वरिष्ठ वैज्ञानिक, ठा. छेदीलाल कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर) एवं डॉ. प्रशांत कुमार शर्मा (वैज्ञानिक, बायोटेक लैब डेमोंस ट्रेसन एंड ट्रेनिंग सेंटर, अंबिकापुर, सरगुजा) द्वारा इस विषय-वस्तु पर वैज्ञानिक एवं शोध सहायता प्राप्त हुई। महाविद्यालय के संरक्षक संजय शर्मा, चेयरपर्सन श्रीमती निशा बसंत शर्मा, उपाध्यक्ष पार्थ शर्मा व प्राचार्य डॉ. रंजना चतुर्वेदी ने पूरी टीम को बधाई दी है। महाविद्यालय परिवार से श्री सतीश शर्मा, सचिव उमेश जाधव, सी ई ओ राकेश दीक्षित, डाॅ. प्रताप पाण्डेय, सुनीता द्विवेदी, डॉ क्षमा त्रिपाठी, डॉ प्रीती मिश्रा, संगीता बंजारे, डॉ गीता तिवारी, डॉ स्वाति शर्मा, संस्कृति शास्त्री, नाजनीन खान, अर्चना तिवारी, सुष्मिता मिश्रा, मुक्ता कुमारी, सारिका श्रीवास्तव, शोभना कोशले, पूजा यादव, वंदना तिवारी, वर्षा श्रीवास, मिनी गुप्ता, अंकित दुबे, राकेश शर्मा, नीतीश शर्मा, महेश जांगड़े, धर्मपाल सहित समस्त आचार्यगण एवं स्टाफ ने भी हर्ष व्यक्त करते हुए बधाइयाँ प्रेषित की हैं।