पेंड्रा.
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने करीब नौ साल पहले पेंड्रा के भर्रापारा के रहने वाले एक युवक से रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर कई अलग-अलग किस्तों में 17 लाख रुपये और कुछ जेवर ठगे थे।
दरअसल पूरा मामला पेंड्रा थाना क्षेत्र का है। पेंड्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरुकुल के पास रहने वाले करण विश्वमोंगरे ने मार्च 2014 से अगस्त 2016 तक पेंड्रा थाना क्षेत्र के भर्रापारा गांव के रहने वाले प्रार्थी दुर्गेश यादव से नौकरी के नाम पर रुपये ऐंठे। आरोपी करण ने प्रार्थी दुर्गेश से कहा कि उसकी रेलवे विभाग में असिस्टेंट लोको पायलट की नौकरी लगवा देगा और किसी लड़की से शादी करवा देगा। इस प्रकार प्रार्थी से छल किया और 17 लाख रुपये, एक सोने का लॉकेट और कुछ अन्य जेवरात ठग लिए। दुर्गेश यादव ने 2014 से कई किस्तों में आरोपी को 17 लाख रुपये दिए और दो साल पूरे होने के बाद भी जब उसे नौकरी का ऑर्डर नहीं मिला तो वह आरोपी करण से पैसा वापस मांगने लगा। इस दौरान करण आनाकानी करता रहा और बाद में आरोपी के खिलाफ पेंड्रा थाने में आईपीसी की धारा 420 के तहत अपराध क्रमांक 328 /2016 दर्ज किया गया।
इस मामले की सुनवाई करते हुए राजस्व जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकता अग्रवाल ने मामले की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी करण विश्वमोगरे को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के आरोप में दो साल के सश्रम कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की अदायगी में चूक होने पर आरोपी को दो माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।