पोर्न स्टार को धन देने के मामले में ट्रंप फिर अदालत पहुंचे
पोर्न स्टार को गुप्त तरीके से पैसे देने के मामले में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की आज पेशी
ब्रिटेन में बिना सहमति के 'डीपफेक' तस्वीरें बनाना होगा अपराध
न्यूयॉर्क
पोर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए चोरी से धन देने आरोपों के मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पुन: न्यूयॉर्क की एक अदालत में पहुंचे। इस मामले की सुनवाई के लिए जूरी सदस्यों के चयन की प्रक्रिया जारी है। जूरी के 12 सदस्यों और छह वैकल्पिक सदस्यों का चयन किया जाना है। इस मामले की मैनहट्टन में ऐतिहासिक सुनवाई शुरू होने के पहले दिन सोमवार को किसी जूरी सदस्य का चयन नहीं हो सका था।
इस मामले को लेकर दर्जनों लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वे इस मामले में निष्पक्ष हो सकते हैं जिसके बाद चयन प्रक्रिया से उन्हें बाहर कर दिया गया। दर्जनों अन्य संभावित जूरी सदस्यों से सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। ट्रंप मंगलवार सुबह अदालत कक्ष पहुंचे। यह अमेरिका के किसी भी पूर्व राष्ट्रपति से संबंधित पहला आपराधिक मुकदमा और ट्रंप के चार अभियोगों में से पहला मुकदमा है जिसकी सुनवाई हो रही है। यह संभवत: ऐसा पहला मुकदमा बन सकता है जिस पर नवंबर को देश में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान से पहले फैसला आ सकता है। ट्रंप द्वारा पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को धन दिए जाने का यह मामला 2016 का है। उस समय ट्रंप के पोर्न स्टार के साथ संबंध होने की बातें सामने आई थीं और आरोप है कि उन्होंने इस मामले को छिपाने के लिए स्टॉर्मी को एक लाख 30 हजार डॉलर का भुगतान किया था।
पूर्व राष्ट्रपति की कंपनी ने यह धन उनके वकील माइकल कोहेन को दिया था जिन्होंने ट्रंप की ओर से पोर्न स्टार को इसका भुगतान किया।ट्रंप इस वर्ष होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं और उनके सामने राष्ट्रपति जो बाइडन की चुनौती होने की संभावना है। ट्रंप ने व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 गंभीर मामलों में खुद को निर्दोष बताया है।अभियोजकों का कहना है कि कोहेन को किए गए भुगतान को ट्रंप के वास्तविक उद्देश्य को छिपाने के लिए कानूनी शुल्क के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया था जबकि ट्रंप के वकीलों का कहना है कि यह वास्तव में कानूनी खर्च था और इसमें कोई लीपापोती नहीं की गई।ट्रंप ने अदालत कक्ष में जाने से पहले संवाददाताओं से बातचीत के दौरान फिर से आरोप लगाया कि न्यायाधीश उनके खिलाफ पक्षपात कर रहे हैं और यह मामला राजनीति से प्रेरित है।
ब्रिटेन में बिना सहमति के 'डीपफेक' तस्वीरें बनाना होगा अपराध
लंदन,
ब्रिटिश सरकार ने अश्लील 'डीपफेक' सामग्री बनाने वाले लोगों को एक नए कानून के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। यह कानून इस समय संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है।
'डीपफेक' से आशय ऐसी छवियों और वीडियो से है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)अथवा अन्य तकनीकों से तैयार की जाती हैं और जिसमें आमतौर पर पीड़ित की सहमति नहीं होती।नए कानून के तहत बिना सहमति के इस तरह की तस्वीरें बनाने वाले लोगों को आपराधिक कार्यवाही और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। कानून में प्रस्तावित प्रावधान के अनुसार अगर 'डीपफेक' सामग्री व्यापक रूप से फैल जाती है तो दोषियों को जेल भेजा जा सकता है। ब्रिटेन की मंत्री लौरा फेरिस ने कहा, ''डीपफेक से बनाई गईं अश्लील तस्वीरें निंदनीय और पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।''