25 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास के सामने हनुमान चालीसा का सामुहिक पाठ करेंगे पेंशनर्स

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कहा है कि भूपेश सरकार राज्य के बुजुर्ग पेंशनरों को केन्द्र के समान महँगाई राहत देने के मामले में विगत ढाई-तीन वर्षों से लगातार तड़पा रही है। पेंशनर संगठनों के धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन, चर्चा आदि के माध्यम से गुहार का सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है इसलिये राज्य के 5 पेन्शनर संघठनो ने अब राज्य सरकार को गोहार लगाना छोड़कर कर भगवान का द्वार खटखटाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में पहली बार मुख्यमंत्री निवास के बाहर 25 जुलाई को सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करने विधानसभा मानसून सत्र के दौरान हनुमान चालीसा का सामुहिक पाठ करने का कार्यक्रम तय करके इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है।
जारी विज्ञप्ति में नामदेव ने बताया है कि राज्य सरकार केन्द्र सरकार के बराबर महंगाई राहत देने में भेदभाव कर रही है। केन्द्र में 34 प्रतिशत प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2022 से दिया जा रहा है और इसी अनुरुप देश के करीब अन्य 18-20 राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र सरकार के देय तिथि से एक बराबर महंगाई भत्ता व महँगाई राहत दें रहें हैं। परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले में बहुत पीछे हैं जहां कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 22 प्रतिशत और पेंशनरों को राज्य कर्मचारियों से भी कम केवल 17 प्रतिशत मंहगाई राहत का भुगतान कर रही है। जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राज्य के खजाने से 34 प्रतिशत महँगाई भत्ता के आदेश स्वयं अपने ही करकमलों से कर चुके हैं। यह भी अजीब विडंबना है राज्य में बिजली कर्मचारियों को केंद्र के बराबर महँगाई भत्ता दिया जा रहा है। भूपेश सरकार के इस अफसरशाही रवैया से राज्य के पेन्शनर दुखी और आक्रोशित है।

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